१.३ हम सुख क्यों चाहते हैं ?
इसके पहले कि हम स्थायी सुख प्राप्त करने के विषय में खोज आरंभ करें,क्या आपने सोचा है कि हम सुखी होना क्यों चाहते हैं ? इसका एक सामान्य उत्तर है सुख से अच्छा अनुभव होता है !
इसका वास्तविक कारण है, हम सभी के अंतर में विद्यमान आत्मा । आत्मा हममें विद्यमान र्इश्वर है और र्इश्वर के अनेक गुणों में से एक गुण आनंद है । आनंद सर्वोच्च स्तर का सुख है, जो किसी अन्य पर निर्भर नहीं करता । अवचेतन मन में, हम जानते हैं कि सुख (आनंद)का अस्तित्व है और हम इस आनंद की स्वाभाविक स्थिति को प्राप्त करने के लिए संघर्ष करते रहते हैं ।
किंतु हम एक बडी भूल करते हैं । हम इस आनंद को अपने भीतर अनुभव करने के स्थान पर अपने बाहर ढूंढने का प्रयत्न करते हैं ।
एक व्यक्ति ने व्यंग्य में कहा, हम दुर्भाग्यशाली हैं कि र्इश्वर ने हमारी आंखों को बाहर की ओर बनाया है, जबकि अनंत सुख मात्र अपने भीतर जाने से ही हम पा सकते हैं ।
और इसलिए हम बाह्य जगत में जो भी देखते हैं, उसी में फंसकर रह जाते हैं ।