विषय सूची
सार
आध्यात्मिक दृष्टि से उचित जीवनशैली का चुनाव करने से उत्पन्न सात्त्विकता से मानवजाति लाभान्वित होती है तथा उस पर रज-तम (अस्थिरता एवं अज्ञान)का प्रभाव भी घटता है । जीवनशैली अर्थात दिनचर्या, आहार, वेशभूषा इत्यादि । आध्यात्मिक दृष्टि से शुद्ध जीवनशैली अपनानेवाले लोगों की संख्या कलियुग में घटती जा रही है । पेय भी इसका अपवाद नहीं है । इस लेख में हम कॉफी, चाय एवं दूध से प्रक्षेपित होनेवाले स्पंदनों का अध्ययन करेंगे । इससे हमें आध्यात्मिक लाभ पहुंचानेवाले पेयपदार्थों का महत्त्व ज्ञात होगा ।
१. कॉफी, चाय एवं दूध का प्रभाव – एक आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य
विश्वभर में लाखों लोग प्रतिदिन चाय, कॉफी एवं दूध का सेवन करते हैं । चाय एवं कॉफी प्रत्यक्षरूप से फैशन के पेय हो गए हैं तथा इन्हें सामाजिक जीवन के उच्चतम शिष्टाचार के आदर्श के रूप में माना जा सकता हैं । अतिथि के लिए एक गिलास कॉफी अथवा चाय बनाना एक सर्वमान्य सामाजिक प्रथा है । पिछले कुछ दशकों में प्राय: दोनों को तनाव मुक्ति तथा सकारात्मक मनोदशा की अवस्था से जोड कर देखने की परंपरा बन गर्इ है ।
हम ऊर्जावान अनुभव करने के लिए अथवा आराम करने की आदत के रूप में अपनी पसंद के अनुसार चाय अथवा कॉफी पीते हैं किंतु हम उन तथ्यों से अनभिज्ञ हैं जिनसे कि इनका हम पर हानिकारक प्रभाव पडता है । कुछ लोगों को तो इसकी लत तक लग जाती हैं । जहां चाय तथा कॉफी में अनेक प्रकार के विषैले तत्त्व होते हैं, वहीं भारतीय गाय का दूध पीने से हमें शारीरिक, मनोवैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं ।
२. बायोफीडबैक उपकरण द्वारा किया गया विश्लेषण
यदि किसी के पास औसत से अधिक छठवीं ज्ञानेंद्रिय की क्षमता है, तो वह व्यक्ति सहजता से आध्यात्मिक स्पंदनों को अनुभव कर सकता है । इससे वह कोई पदार्थ आध्यात्मिक रूप से उपयुक्त है अथवा नहीं इसका निर्णय कर जीवन में आध्यात्मिक दृष्टि से उचित चुनाव कर सकता है ।
आरएफआई (रेजोनेंट फील्ड इमेजिंग) और पीआईपी (पॉलीकाँट्रास्ट इंटरफेरेंस फोटोग्राफी -बायो इमेंजिंग समान उपकरण) जैसे कुछ प्रकार के बायोफीडबैक उपकरण वस्तु के चारों ओर के स्पंदनों को ग्रहण कर उन्हें दृश्य के रूप में दिखा सकते हैं । इससे सामान्य व्यक्ति अपनी आंखों से वस्तु के सर्व ओर का ऑरा (प्रभामंडल) अथवा ऊर्जाक्षेत्र देख पाता है ।
पीआर्इपी और उसके उपयोग के संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करेंI
इस प्रयोग द्वारा हमने वैज्ञानिक बायोफीडबैक उपकरण की सहायता से चाय, कॉफी एवं दूध से प्रक्षेपित होनेवाले स्पंदनों पर प्रकाश डाला है ।
२.१ आरएफआई (रेजोनेंट फील्ड इमेजिंग) द्वारा प्राप्त परिणाम
कॉफी | चाय | दूध | |
---|---|---|---|
आर.एफ.आर्इ. अभिलेखन | ५३४.४९ मेगाहर्टज | ५५८.९२ मेगाहर्टज | ७१०.२३ मेगाहर्टज |
आर.एफ.आर्इ. अभिलेख का विवरण | पीला । यह सकारात्मकता दर्शाता है । | पीला । यह सकारात्मकता दर्शाता है । | बैगनी । स्वस्थ स्पंदन दर्शाता है । |
२.२ कॉफी, चाय एवं दूध का पीआईपी (पॉलीकाँट्रास्ट इंटरफेरेंस फोटोग्राफी) द्वारा प्राप्त निरीक्षण (रीडिंग)
पहले : पहले हमने एक खाली गिलास का चित्र लिया जिसमें उसके भीतर तथा चारों ओर का प्रभामंडल दिखार्इ देता है। इसमें नारंगी रंग तनाव के स्पंदन, हरा सकारात्मक ऊर्जा एवं हल्की सुनहरी छटा लिए पीला रंग उच्च स्तरीय वैश्विक स्पंदन दर्शाते हैं ।
कॉफी : तदोपरांत हमने गिलास में कॉफी डालकर छायाचित्रण किया । कॉफी का रंग गहरा नीला दिखार्इ देता है । यह रंग हलके कष्टदायी स्पंदनों को दर्शाता है । कॉफी से भरे हुए गिलास के किनारे पर जो लालिमा हैं वह शक्ति दर्शाती है । कॉफी से भरा गिलास चारों ओर से नकारात्मक नारंगी रंग से घिरा हुआ है। नारंगी प्रभामंडल के कारण उच्च आध्यात्मिकता दर्शानेवाला पीला प्रभामंडल ऊपर की ओर धकेल दिया गया है । इस पीले प्रभामंडल का विस्तार/फैलाव चाय एवं दूध के पी.आर्इ.पी. चित्रों की तुलना में कम है । पीले प्रभामंडल के केंद्र में दिखनेवाला श्वेत प्रभामंडल दर्शाता है कि कुछ मात्रा में शुद्धता उपस्थित है । इस प्रभामंडल का फैलाव चाय एवं दूध की तुलना में सीमित है । हरा प्रभामंडल, नारंगी प्रभामंडल के कारण गिलास से दूर हट गया है ।
चाय : अगले चित्र में चाय के स्पंदनों (काली भारतीय चाय) को दर्शाया गया है । चाय नकारात्मकता दर्शानेवाला नारंगी रंग , शक्ति को दर्शानेवाला लाल रंग एवं सकारात्मकता दर्शाने वाला कुछ हरा रंग प्रक्षेपित करती है । नकारात्मकता दर्शानेवाला नारंगी रंग चाय के गिलास के पास दिखार्इ देता है किंतु वह उसे स्पर्श नहीं करता । पीला रंग जो उच्च आध्यात्मिक तत्त्व दर्शाता है, कुछ सीमा तक प्याले की बाहरी ओर दिखार्इ देता है । वह नारंगी प्रभामंडल को प्रतिबंधित करता है । पीला प्रभामंडल तुलनात्मक दृष्टि से कॉफी से अधिक तथा दूध से कम है । तुलनात्मक दृष्टि से श्वेत की व्यापकता कॉफी से अधिक तथा दूध से कम है । हरा प्रभामंडल, नारंगी प्रभामंडल के कारण गिलास से दूर हो गया है ।
दूध : अंत में हमने दूध का चित्रीकरण किया । पी.आर्इ.पी. के चित्रीकरण में दूध का रंग हरा दिखार्इ देता है, जो सकारात्मकता एवं आध्यात्मिक शुद्धता दर्शाता है । नकारात्मक नारंगी प्रभामंडल को पीले प्रभामंडल ने नीचे धकेल दिया है । पीला प्रभामंडल वातावरण में फैल गया है । दूध में पीले प्रभामंडल की व्यापकता तुलनात्मक रूप से अधिक है । दूध में श्वेत प्रभामंडल की व्यापकता तुलनात्मक रूप से अधिक है । आध्यात्मिक दृष्टि से शुद्ध हरा प्रभामंडल दिखार्इ देता है तथा श्वेत प्रभामंडल भी कुछ सीमा तक विद्यमान है ।
३. निष्कर्ष
- कॉफी में सात्विकता अतिन्यून अथवा नहीं होती ।
- चाय दूध की तुलना में कम सात्विक होती है, किंतु उसकी सात्विकता कॉफी से अधिक होती है ।
- दूध में चूंकि सात्विक स्पंदन होते हैं एवं वह स्वास्थ्य वर्धक होता है, उसे पीना चाय अथवा कॉफी की अपेक्षा अधिक लाभकारी होता है ।
उपरोक्त अवलोकन एवं विश्लेषण श्री संतोष जोशी (वैश्विक ऊर्जा के शोधकर्ता, मुंबर्इ, भारत) की सहायता से किया गया है ।
एस.एस,आर.एफ. वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों से आग्रह करती है कि इस क्षेत्र में विभिन्न अस्पष्ट घटनाओं पर शोध हेतु आध्यात्मिक विज्ञान शोध संस्थान, गोवा, भारत से संपर्क करें ।