विविध वस्तुओं पर रक्त के धब्बे अपनेआप उभरना

टिप्पणी : इस प्रकरण अध्ययन की पृष्ठभूमि समझने के लिए और ऐसी घटनाएं विशेष रुप से SSRF के संबंध में क्यों हो रही हैं, कृपया पढें – भयभीत करनेवाली असाधारण घटनाओं का परिचय

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शॉन क्लार्क SSRF के मार्गदर्शन में पिछले १२ वर्षों से साधना कर रहे हैं । वे शोध करने तथा SSRF के जालस्थल (वेबसाइट) पर लेख प्रकाशित करने की सत्सेवा करते हैं । हाल ही में, वे अनेक असाधारण घटनाओं के साक्षी बने तथा उन्होंने उन अनेक लोगों का साक्षात्कार लिया जिन्हें वैसी असाधारण अनुभूतियां हुईं । इस लेख में, उन्होंने उनके आसपास अपनेआप उभरे रक्त के धब्बों के संदर्भ में बताया है ।

मैंने प्रथम बार रक्त के उभरे धब्बे तब देखे जब मैं वर्ष २००३ में भारत के गोवा के SSRF के आश्रम में आया था । दोपहर के भोजन के उपरांत जैसे ही मैंने अपनी थाली भूमि से उठाई, मैंने रक्त का धब्बा देखा जो मेरी थाली के नीचे उभरा हुआ प्रतीत हुआ । मैंने मरे हुए कीडे की खोज की; किंतु मुझे कुछ भी नहीं मिला । वह धब्बा लगभग ३ सेंमी. बडा था । उस समय मुझे इस घटना का पता चला । मुझे यह भी ज्ञात हुआ कि कुछ प्रकरणों में साधकों को रक्त के धब्बों के पास मांस के टुकडे भी मिले, जो अपनेआप उभरे थे ।

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छः वर्षों के उपरांत, वर्ष २००९ के आरंभ में, हमने जैसे ही अनिष्ट शक्तियों द्वारा उत्पन्न किए गए रक्त के धब्बों के विश्लेषण हेतु एक डॉक्यूमेंट्री बनानी प्रारंभ की, मैंन यह घटना को तीन और बार अनुभव किया ।

पहली बार तब अनुभव हुआ जब मैं अपने कक्ष में झाडू लगा रहा था । इस दैनिक कार्य को करते समय, मेरा ध्यान मेरे सामने की भूमि पर गया, जिसमें अचानक से रक्त जैसे धब्बा उभरा था । यह स्पष्ट था, लगभग ३ से ४ सेंमी.बडा । जो एक क्षण पूर्व वहां नहीं था । आगे उस विशिष्ट रक्त के धब्बे का चित्र दिया गया है ।

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अगली दो घटनाएं तब हुईं जब मैं सोया हुआ था । पहला जब मेरे बिछावन के चादर पर इधर-उधर रक्त के धब्बे उभरे । किसी कीडे के कारण हो सकनेवाले रक्त के धब्बे की तुलना में वे धब्बे अधिक बडे थे ।

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दूसरी बार यह रात में हुआ, रक्त के धब्बे मेरे बनियान में उभरे थे । पिछली घटना के समान न होकर, वहां तीन स्पष्ट गोलाकार रक्त के धब्बे थे । वे सभी १ से १.५ सेंमी. व्यास के तथा इतनी ही दूरी पर थे । जब मैं नींद से जागा, मैंने त्वरित उसे देखा और वे थोडे गीले ही थे ।

फॉरेंसिक विश्लेषण

इस बार मैंने अपने बनियान को भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया । जब जांच का ब्यौरा आया, तब उसमें बताया गया था कि वह रक्त मनुष्य का था;किंतु इसमें विचित्र बात यह थी कि वह रक्त मेरे रक्त से मेल नहीं खाता था । मेरा रक्त गुट ए बी निगेटिव (AB-)था जबकि फॉरेंसिक जांच ने उन रक्त के धब्बों का रक्त ए पॉजिटिव (A+) बताया ।

सूक्ष्म विश्लेषण

अगली सुबह मैंने वह बनियान परम पूजनीय डॉ.आठवलेजी तथा SSRF के सूक्ष्म-ज्ञान विभाग के अन्य साधकों को दिखाई । उन्होंने बताया कि यह अनिष्ट शक्तियों द्वारा किया गया सूक्ष्म आक्रमण था । परम पूजनीय डॉ.आठवलेजी ने बताया कि उन धब्बों से सूक्ष्म दुर्गंध निकल रही है । जब मैंने बनियान को सूंघा, तब मुझे भी उससे निकल रही दुर्गंध का भान हुआ ।

उस समय दो नए साधक शोध केंद्र में आए थे । वे दोनों सूक्ष्म को समझनवालेे तथा सूक्ष्म स्पंदनों के प्रति संवेदनशील थे । उन्हें पता नहीं था कि वे दोनों उच्च स्तरीय अनिष्ट शक्तियों से आविष्ट थे । सूक्ष्म परीक्षण करने के लिए जब उन्होंने रक्त के धब्बों में से एक को स्पर्श किया, तब दोनों को उससे अत्यधिक शक्ति निकलती प्रतीत हुई । और उन्हें उस धब्बे से सकारात्मक अनुभूति हुई । वास्तव में, उन दोनों को आविष्ट करनेवाली अनिष्ट शक्तियां उस धब्बे से काली शक्ति खींच रही थी तथा धब्बों से प्राप्त हो रही काली शक्ति के कारण उन्हें सकारात्मक अनुभव हो रहा था ।

कुछ माह के उपरांत जब मैंने वह बनियान देखी, तब उससे अति तीव्र दुर्गंध निकल रही थी । यह हमारा अनुभव है कि अनेक बार जब अनिष्ट शक्तियां किसी व्यक्ति के कपडों को प्रभावित करती हैं, तब उससे तीव्र दुर्गंध निकलती है ।

इन घटनाओं के अतिरिक्त अपनेआप उभरनेवाले रक्त के धब्बों का चित्रीकरण (शूटिंग) करते समय, हमें अन्य साधकों ने बताया कि उनकी वस्तुओं में भी रक्त के धब्बे अपनेआप उभर रहे हैं ।