पिशाच

१. परिचय

पिशाच की तुलनात्मक आध्यात्मिक शक्ति सामान्य अनिष्ट शक्ति जिसकी शक्ति १ इकाइ होती है उसकी तुलना में १०, ००० होती है । संदर्भ हेतु देखें लेख अनिष्ट शक्ति (भूत, पिशाच, राक्षस इत्यादि) के प्रकार । वर्तमान समय में विश्व की लगभग ४ प्रतिशत जनसंख्या उनसे प्रभावित अथवा आविष्ट है तथा २०२५ तक यह और बढ जाएगी । राक्षस की तुलना में विश्व  की अत्यल्प प्रतिशत जनसंख्या पिशाचों से प्रभावित होती है, यह ध्यान में रखते हुए हमने उसकी प्रमुख विशेषताओं की संक्षिप्त सूची दी है ।

२. सूक्ष्म-ज्ञान के आधार पर पिशाच का चित्र

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कृपया ध्यान दीजिए, यह मात्र एक कच्चा दिशानिर्देश है, चूंकि अनिष्ट शक्तियां अपने हेतु के आधार पर कोई भी रूप ले सकती हैं ।

 ३. पिशाच की मुख्य विशेषताएं

  • पिशाच बहुत आलसी होते हैं इसलिए लोगों को उनसे कष्ट होने की संभावना अल्प होती है । वे अधिकांशतः आश्रय पाने के लिए व्यक्ति को आविष्ट करते हैं ।
  • किंतु एक बार जब वे प्रवेश कर जाते हैं, वे वर्षों तक व्यक्ति के भीतर ही रहते हैं । अन्य प्रकार की अनिष्ट शक्तियां (भूत, पिशाच, राक्षस इत्यादि) निरंतर शरीर के भीतर आना-जाना करती रहती है;किंतु पिशाच अनेक वर्षों तक शरीर नहीं छोडते । जिस व्यक्ति को वे आविष्ट करते हैं, उसकी मृत्यु के उपरांत भी वे उसकी सूक्ष्म–देह  से चिपके रहते हैं ।
  • वे जिस व्यक्ति में प्रवेश करते हैं, उसी का रूप ले लेते हैं ।
  • पिशाच द्वारा प्रभावित व्यक्ति निर्बल दिखते हैं, उनकी त्वचा तैलीय तथा आंखें जड अथवा निष्प्रभ दिखती हैं । पिशाच के कारण होनेवाले कष्ट रात्रि के समय बढ जाते हैं ।
  • जब वे व्यक्ति पर आक्रमण करते हैं वे बासी, तैलीय दुर्गंध के साथ काली शक्ति छोडते हैं । यह दुर्गंध व्यक्ति को विचलित कर उलटी करवाने का कारण बनती है ।
  • वे जिस व्यक्ति को आविष्ट करते हैं, उसके अन्न-पाचन के लिए स्रावित रसों को अवशोषित कर लेते हैं तथा उसकी प्राण शक्ति अल्प कर देते हैं । इस प्रकार प्रभावित व्यक्ति की शारीरिक क्षमता क्षीण हो जाती है और वह पुनः-पुनः रोगग्रस्त होता है ।
  • आविष्ट किए व्यक्ति में जब पिशाच का प्रकटीकरण होता है, तब व्यक्ति निम्नलिखित विशेषताएं दर्शाता है :
    • व्यक्ति की आंखें चमकती हैं ।
    • जब उस व्यक्ति के हाथों अथवा पैरों को कोई छूता है तब उसे पिन चुभने जैसी संवेदना अनुभव होती है ।
    • प्रकटीकरण हो रहे व्यक्ति के हाथ-पैरों की ऊंगलियां, तथा नाखून तीक्ष्ण दिखते हैं ।

४. उपाय

  • पिशाचों की आध्यात्मिक शक्ति आध्यात्मिक उपचारों  द्वारा न्यून की जा सकती है । सूक्ष्म-सुगंध निर्मित करने के लिए विशेष संयोजन के नादों का उपयोग किया जाता है ।

टिप्पणी :उपचार करनेवाले आध्यात्मिक उपचारक का आध्यात्मिक स्तर  व्यक्ति को प्रभावित अथवा आविष्ट करनेवाली अनिष्ट शक्ति के स्तर से न्यूनतम २० प्रतिशत अधिक होना चाहिए । बाह्य आध्यात्मिक उपचारों से उपचार करने पर पीडित को कुछ समय के लिए अच्छा लग सकता है;किंतु इस कष्ट से (जो अनेक प्रसंगों में हमारे साथ अनेक जन्मों से होता है)स्थायी रूप से मुक्ति पाने के लिए, साधना  करना तथा स्वयं में निरंतर तथा दीर्घकालावधि तक रहनेवाली सकारात्मकता को लाना आवश्यक है । यदि कोई आध्यात्मिक उपचार को नामजप के साथ करता है, तब उसे उसके कष्ट से अल्प कालावधि में मुक्ति मिल सकती है ।