व्यसन एक विश्वव्यापी समस्या

व्यसन सभी भौगोलिक सीमाओं और सभ्यताओं के करोडों लोगों के जीवन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करनेवाली एक विश्‍वव्यापी समस्या है । व्यसन के कारण व्यक्तिगत स्तर पर अनेक समस्याएं निर्माण होती हैं जिसके फलस्वरूप लोगों का जीवन ही नष्ट हो जाता है । उनके प्रियजन भी इसके नकारात्मक प्रतिगामी परिणामों के मानसिक आघात भोगते हैं । सरकार तथा पुनर्वास संस्थाओं के प्रयासों के उपरांत भी, व्यसन सभी देशों की प्रभावशीलता घटाकर उनके ऊपर अतिरिक्त व्यय का बोझ लादकर उन्हें खोखला कर सकता है । यहां पर कुछ संकट-सूचक आंकडे हैं जो व्यसन के दुष्परिणाम दर्शाते हैं :

  • फोर्ब्स डॉट कॉम (Forbes.com) के अनुसार अनुमानित वार्षिक लागत के साथ, चिकित्सा व्यय तथा उत्पादकता की हानि की दृष्टि से अमरीका के पांच सर्वाधिक व्ययशील (खर्चीले) व्यसन हैं, अल्कोहल (मद्यपान)  (१६६ अरब डॉलर), धूम्रपान (१५७ अरब डॉलर) , मादक पदार्थ (११० अरब डॉलर), अतिभोजन (over-eating) (१०७ अरब डॉलर)  तथा जुआ (४० अरब डॉलर)

 

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  • वर्ष २०१२ में, १२ वर्ष अथवा उससे अधिक आयु के अनुमानित २३.९ लाख अमरीकन वर्तमान(गत माह) अवैध मादक पदार्थों के उपभोक्ता थे, अर्थात उन्होंने अवैध मादक पदार्थों का उपयोग इस सर्वेक्षण के साक्षात्कार से एक माह पूर्व किया था । यह संख्या १२ वर्ष अथवा उससे अधिक आयु की जनसंख्या का ९.२ प्रतिशत है । अवैध मादक द्रव्यों में मारिजुआना/हशीश (गांजा) , कोकीन(क्रैक के साथ) , हेरोइन, हेल्यूसिनोजेन्स, इनहेलंटस, अथवा मनश्‍चिकित्सा हेतु निर्देशित (वेदना शामक, शामक, उत्तेजक तथा शांतिकर औषधि (pain relievers,  tranquilizers,  stimulants,  and sedatives) ) औषधियां बिना किसी चिकित्सीय आधार अथवा परामर्श के उपयोग की गईं । (संदर्भ : Substance Abuse and Mental Health Services Administration (samhsa.gov) , 2012)
  •  ब्रिटेन में अल्कोहल (मद्यपान) ३ मेंे से १ (३०%) यौन अपराधोंके पीछे, ३ में से १ (३३%) चोरी तथा सडकों पर होनेवाले २ में से १ (५०%) अपराधों के लिए कारणभूत है । (Drinkaware.co.uk 2013)
  •  तंबाकू, मद्य, तथा अवैध मादक पदार्थों के दुरूपयोग के कारण अमरीका को अपराध, कार्य उत्पादकता तथा स्वास्थ्य संबंधी ६०० अरब डॉलर से भी अधिक की वार्षिक हानि होती है । (Drugabuse.gov,  2013)
  • आस्ट्रेलिया में २५ वर्ष से अल्प आयु के ८ में से १ व्यक्ति की मृत्यु मद्यपान से संबंधित है । (Australian National Council on Drugs (ANCD) , 2013)

यह तो उन भयानक आंकडों में से मात्र कुछ ही आंकडे हैं जो विश्‍व के देशों में प्रतिबिंबित होते हैं जो कि (मादक) पदार्थों के दुरूपयोग तथा व्यसन के घातक प्रभावों को व्यक्तिगत, पारिवारिक तथा सामाजिक स्तर पर दर्शाते हैं । उपरोक्त आंकडों को ध्यान में रखते हुए, यह कोई आश्‍चर्य की बात नहीं है कि क्यों विश्‍व की सरकारें व्यसनों की भयावहता को नियंत्रित करने के लिए सामूहिक रूप से अरबों डॉलर व्यय कर रहीं हैं ।

व्यसन पर विजय प्राप्त करने में सफलता दर ऐतिहासिक रूप से बहुत ही अल्प है :

  • पदार्थ दुर्व्यसन एवं मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का प्रशासन (सब्सटांस एब्यूस एंड मेन्टल हेल्थ सर्विसिस एडमिनिस्ट्रेश्‍न) की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष २००३ में अमरीका के २६ राज्यों के कुल ९३७, ४९९ व्यक्ति पदार्थों के दुरूपयोग संबंधी उपचारों के लिए चिकित्सालय में भर्ती थे, चिकित्सालय से मुक्त किए जाने पर उनमें से ४१%व्यक्तियों ने ही अपने उपचार पूर्ण किए ।
  •  रिलैप्स एंड रिकवरी : बिहेवियरल स्ट्रेटेजीज फॉर चेंज (पतन और स्वास्थ्य लाभ-परिवर्तन के लिए व्यवहार नीतियां), अमरीका के प्राचीनतम और सबसे बडी व्यसन चिकित्सा केंद्रों में से एक, कैरन फॉऊंडेशन के २००३ के शोध प्रतिवेदन के अनुसार मादक द्रव्यों और मद्य के व्यसन के उपचार में पुन:पतन अथवा पुनरावर्तन होना एक सामान्य, पूर्वसूचनीय तथा निवारण करने योग्य बात है । व्यसन रोगों में पुन:पतन की दर ५० प्रतिशत से ९० प्रतिशत के मध्य है । ५०% लोग पुनः अत्यधिक सेवन करने लगते हैं, जबकि ९०%लोग पुनः थोडा सेवन करने लगते हैं ।
  • अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल हिपनॉसिस (नैदानिक सम्मोहन की अमरीकी शोधपत्रिका (पोटर ग्रेग, जुलाई २००४) में छपे एक लेख के अनुसार सम्मोहन उपचार पद्धति से व्यसन के संदर्भ में अच्छे परिणाम मिलने के संकेत दिए हैं ।

जीवन का उद्देश्य है अपना प्रारब्ध (नसीब) भोगकर समाप्त करना तथा ईश्वर प्राप्ति हेतु आध्यात्मिक प्रगति करना । व्यसन करनेवाले लोग व्यसनपूर्ति के लिए अपना समय, धन तथा उर्जा व्यर्थ करते हैं, जिससे वे जीवन के उद्देश्य से दूर चले जाते हैं । परिणामस्वरूप परिवार तथा समाज को भी इस चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करने के लिए संघर्ष करना अनिवार्य हो जाता है । यदि समाज यही प्रयत्न आध्यात्मिक प्रगति करने के लिए करता है तो विश्व आज की तुलना में बहुत ही भिन्न अवस्था में होगा ।