टेक्नो संगीत जुलूस – आध्यात्मिक प्रभाव

 

१. टेक्नो जुलूस (परेड)

पिछले १०-१५ वर्षों से टेक्नो संगीत जुलूस, संगीत की एक नई प्रथा यूरोप के बर्लिन, फ्रैंकफर्ट, पेरिस, जूरिच, जेनेवा जैसे शहरों में प्रचलित होती जा रही है ।

विकीपीडिया के अनुसार : ‘‘टेक्नो जुलूस, एक ऐसा जुलूस है, जिसमें शक्तिशाली ध्वनि-विस्तारकों और एम्प्लीफायरों से सुसज्ज वाहन सम्मिलित होते हैं । टेक्नो जुलूस में एक उत्सव का वातावरण रहता है और इसमें सामाजिक नियम (और कुछ कानून, अथवा उन्हें न्यूनतम लागू किया जाना) में शिथिल किए जाते हैं तथा कभी-कभी सीधे तोडे जाते हैं । इसमें दर्शक प्रत्येक वाहन पर लगाए संगीत के अनुसार नृत्य करते हैं; इसलिए कोलाहल और असहनीय वातावरण उत्पन्न होता है । एक वाहन से विस्फोटसमान (अत्यधिक ऊंचे स्वर में) निकलनेवाले संगीत के साथ दूसरे वाहन में बजनेवाले संगीत से मिल जाने के कारण नृत्य की शैली में अचानक परिवर्तन हो जाता है । दो वाहनों से निकलने वाला संगीत एक ही तीव्रता से परस्पर-व्याप्त होता है और लोग एक-दूसरे के साथ स्पर्धा करने वाले दोनों में से किसी भी एक ताल पर नृत्य कर सकते हैं । कुछ सहभागी लोगों द्वारा इसे अवैध नशीली औषधियां सेवन करने की अनुमति ही माना जाता है ।’’

टेक्नो जुलूस सैकडों से लेकर सहस्रों लोग आकर्षित करते हैं, जैसे कि जूरिच के वर्ष २०११ के टेक्नो जुलूस ने ९००, ००० लोगों को आकर्षित किया था । अन्य एक विख्यात टेक्नो जुलूस का आयोजन फ्रांस के पैरिस में प्रतिवर्ष किया जाता है ।

ऐसे उत्सवों में सम्मिलित होने वाले अधिकतर लोग पहले से ही अनिष्ट शक्तियों से प्रभावित होते हैं, परंतु इनमें भाग लेने से उन्हें प्रभावित करने वाली अनिष्ट शक्तियों की क्षमता २ प्रतिशत से बढती है । जो लोग ऐसे उत्सवों में भाग लेते हैं और जो पहले से अनिष्ट शक्तियों से प्रभावित नहीं हैं, उत्सव में उनके प्रभावित होने की २ प्रतिशत संभावना होती है ।

यह संगीत अति ऊंचे स्वर में होने से बहुत तामसिक भी होता है । इन जुलूसों में सहभागी लोग इस संगीत से शारीरिक स्तरपर (उच्च डेसिबल के कारण), मानसिक स्तर पर (तामसिक विचार, दिखावटीपन के कारण स्वभावदोष एवं अहंकार में वृद्धि) तथा आध्यात्मिक स्तर पर (अनिष्ट शक्तियों के आक्रमण के माध्यम से)प्रभावित होते हैं । टेक्नो जुलूस में कुछ लोग अनिष्ट शक्तियों से आविष्ट भी हो सकते हैं ।

जो कृत्य रज-तम प्रधान होते हैं, वहां अनिष्ट शक्तियां आकृष्ट होती हैं । शक्तिशाली ध्वनिविस्तारकों के माध्यम से टेक्नो संगीत बजाए जाने से ‘समान वस्तुएं परस्पर आकर्षित होती हैं’ इस सिद्धांत के अनुसार तामसिक अनिष्ट शक्तियां ऊंचे स्वर के इस संगीत की ओर आकृष्ट होती हैं । एक प्रकार से अनिष्ट शक्तियों के लिए यह एक समारोह जैसा ही होता है ।

जिस शहर में टेक्नो जुलूस का आयोजन होता है, वहां के लोगों को यह कैसे प्रभावित करता है ?

टेक्नो जुलूस का प्रभाव

 प्रभाव (प्रतिशत की मात्रा में)

कालावधि

दूरी

टेक्नो जुलूस में सक्रियता से सम्मिलित होने से – संगीत के परिसर में

१० प्रतिशत

२ से ८ घंटे

शहर के लोगों पर – संगीत से दूर के क्षेत्र में

५ प्रतिशत

४५ मिनट

१० किमी

उपर्युक्त प्रभाव आध्यात्मिक दृष्टि से औसत व्यक्ति के संदर्भ में हैं । ४० प्रतिशत अथवा उससे अधिक आध्यात्मिक स्तर के साधकों में संवेदनशीलता अधिक होने से ऐसे प्रसंगों में उन पर होनेवाले सूक्ष्म प्रभावों को वे दीर्घकाल तक अनुभव कर सकते हैं । ७५ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर (संतपद) पर व्यक्ति के सर्व ओर चैतन्य का संपूर्ण सुरक्षाकवच होने से से उत्सवों का कोई प्रभाव नहीं होता ।

‘‘दृश्य देखनेवाला दृश्य से प्रभावित होता है ।’’ - परम पूजनीय डॉ. आठवलेजी

संगीत अर्थात स्वर, आकाशतत्त्व से संबंधित होता है । आकाशतत्त्व पंचतत्त्वों में सबसे सूक्ष्म और सर्वव्यापी होता है । प्रत्यक्ष में अनिष्ट शक्तियां आरंभ में कुछ ही लोगों को टेक्नो जुलूस निकालने के लिए प्रवृत्त करती हैं, जिससे कि सबसे सूक्ष्म आकाशतत्त्व के माध्यम से उस शहर के अधिकतर लोगों को दीर्घकाल तक नकारात्मक रूप से प्रभावित करना उनके लिए संभव होता है ।

2_HINDI_Technoparades

3_HINDI_Technoparades

पेरिस में टेक्नो जुलूस

पैरिस में हुए टेक्नो जुलूस के समय एक साधिका को हुई अनुभूति

‘‘वर्ष १९९८ अथवा १९९९ में जब यह घटना घटी, तब मैं और मेरी बेटी पेरिस की सीन नदी में एक राफ्टिंग नाव में रह रही थीं । उस समय हमारी नाव (फ्रेंच में इसे पेनिचे (peniche) कहा जाता है ।) नदी पर स्थित एक पूल के पास थी । तीव्र सिरोवेदना के कारण मैं प्रातः शीघ्र उठ गई थी । दोपहर में हमारे निवासस्थान के निकट मैंने अत्यंत नकारात्मक ऊंचे स्वर का संगीत सुना । क्या हो रहा है, यह देखने के लिए मैं बाहर आई और देखकर चौंक गई । विशाल वाहनों पर बजाए जा रहे टेक्नो संगीत पर सैकडों लोग नाच रहे थे । उनमें से अधिकतर नशीली औषधियों के प्रभाव में थे । उस पूरे दिन मैं और मेरी बेटी को लगा कि हम दोनों अनिष्ट शक्तियों से प्रभावित हुए हैं और हमें सिरोवेदना तथा सिर में दबाव प्रतीत हो रहा था । टेक्नो जुलूस के हमारे पास के पूल से १ घंटे में निकल जाने पर भी यह अनुभव तीन दिनों तक होता रहा । टेक्नो जुलूस का प्रभाव हटाने के लिए हम दोनों को बहुत नामजप तथा आध्यात्मिक उपचार करने पडे ।’’ – श्रीमती ड्रगाना किस्लोवस्की, यूरोप.

२. तामसिक संगीत महोत्सव

संगीत महोत्सवों में, जहां इलेक्ट्रॉनिक, रॉक, हार्ड रॉक, टेक्नो, हाऊस, ट्रांस, हेवी मेटल, हार्ड कोर अथवा तत्सम संगीत उपस्थित सहस्रों लोगों के लिए शक्तिशाली ध्वनिविस्तारकों पर प्रक्षेपित किया जाता है, वहां के लोगों पर ऐसा ही प्रभाव पडता है ।

कुछ महोत्सवों के उदाहरण आगे दिए हैं :

१. ‘एक्जीट’ महोत्सव, नोवी साद, सर्बिया, यूरोप – वर्ष २०१३, उपस्थिति २००, ०००

२. ‘पेलिओ’, न्योन, स्विट्जरलैंड, यूरोप – वर्ष २०१३, उपस्थिति २३०, ०००

३. ‘अल्ट्रा’,मियामी, यूएसए – वर्ष २०१३, उपस्थिति ३३०, ०००

४. ‘जिगेट’, बुडापेस्ट, यूरोप – उपस्थिति ३८५, ०००

५. ‘समरफेस्ट’, विस्कॉन्सिन, यूएसए – वर्ष २०१३, उपस्थिति ८४०, ०००

4_HINDI_Technoparades

‘एक्जीट’ महोत्सव, नोवी साद, सर्बिया, यूरोप

३. रेव पार्टियां

‘‘ ‘रेव’ (अर्थात पागल की भांति बडबडाना) एक बडी पार्टी (समारोह) अथवा महोत्सव होता है, जिसमें डिस्क जॉकी पर (बोलचाल की भाषा में इसे डीजे कहते हैं) संगीत लगाया जाता है और कभी-कभी प्रत्यक्ष कलाकारों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक संगीत, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक डांस म्युजिक (ईडीएम) बजाया जाता है । रेव में लगाए जाने वाले संगीत में हाऊस, ट्रांस, टेक्नो, ड्रम और बास, हार्डकोअर और अन्य प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक नृत्य संगीत बजाए जाते हैं । संगीत के साथ लेजर लाईट शो, प्रोजेक्टेड इमेजेस, विजुअल इफेक्टस (दृश्यात्मक प्रभाव) और धुंआ उत्पन्न करनेवाले यंत्र (स्मोक मशीन) भी होते हैं । MDMA, LSD जैसे क्लब ड्रग्स और साइकेडेलिक मशरूम्स के अत्यधिक प्रयोग के कारण रेव को पूरे विश्व में पहचाना जाता है ।

रेव संस्कृति का उद्गम यूएसए के शिकागो में वर्ष १९८० के आसपास एसिड हाऊस म्यूजिक पार्टियों में हुआ । शिकागो हाऊस के कलाकारों को विदेशों में भी सफलता प्राप्त हुई; जिससे युनाइटेड किंग्डम, सेंट्रल यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और शेष यूएसए में इसका प्रसार हुआ ।’’ स्रोत : विकीपीडिया

विश्व की सबसे बडी रेव पार्टी को इलेक्ट्रिक डेजी कार्निवल (EDC) कहा जाता है ।

‘‘इस महोत्सव का आयोजन वर्ष २०१३ में यूएसए के प्युएर्टो रिको में तथा यूके में वसंत, ग्रीष्म और शीत ऋतुओं में किया गया । इस महोत्सव को कैलिफोर्निया, कोलोरैडो, फ्लोरिडा, नेवाडा, न्यूजर्सी, न्यूयॉर्क, टेक्सास और प्युएर्टो रिको में मनाया गया । लास वेगास का महोत्सव वर्ष २०११ में ३ दिनों तक चला और ३ दिनों में कुल २३०, ००० लोग इसमें सम्मिलित हुए । वर्ष २०१२ में ३ दिनों में इसमें ३२०, ००० से भी अधिक लोग सम्मिलित हुए । वर्ष २०१३ तक लास वेगास का इलेक्ट्रीक डेजी कार्निवल (EDC) विश्व का सबसे बडा इलेक्ट्रॉनिक संगीत महोत्सव रहा ।’’ स्रोत : विकीपीडिया

5_HINDI_Technoparades

लास वेगास, यूएसए, वर्ष २०१२

कृपया सात्त्विक, राजसिक और तामसिक संगीत सुनें ।

ट्रॅक १ : सात्त्विक संगीत

 ट्रॅक २ : राजसिक संगीत

ट्रॅक ३ : तामसिक संगीत

४. उच्च स्तरीय मांत्रिकों द्वारा आविष्ट साधक तामसिक संगीत को किस प्रकार प्रतिसाद देते हैं, इस संदर्भ में आध्यात्मिक शोध केंद्र में किया गया प्रयोग

इस वीडियो में दिखाई देनेवाली सभी गतिविधियां साधकों द्वारा उच्चस्तरीय सूक्ष्मस्तरीय मांत्रिक से आविष्ट होने के कारण हैं । मांत्रिकों का साधकों के शरीर, मन तथा बुद्धि पर संपूर्ण नियंत्रण है, इसलिए साधकों को पता नहीं था कि वे क्या कर रहे हैं अथवा पता हो भी, तो उस पर वे नियंत्रण नहीं कर पा रहे थे । मांत्रिकों के पूर्ण प्रकटीकरण के कारण साधकों की चेतना अत्यल्प थी । इस वीडियों में हम देख सकते है कि मांत्रिकों को तामसिक संगीत अच्छा लग रहा है तथा वे इस संगीत से काली शक्ति प्राप्त कर रहे हैं और सर्वत्र प्रसारित कर रहे हैं ।

जब भी हम कोई तामसिक संगीत अथवा नृत्य की धुन सुनते हैं, तब अनिष्ट शक्तियों द्वारा तीव्रता से प्रभावित होने अथवा आविष्ट होने की संभावना होती है । अतः यह आवश्यक है कि हमें ऐसा संगीत सुनने अथवा इसकी धुन पर नृत्य करने से बचना चाहिए ।

अनिष्ट शक्तियों से प्रभावित होने से बचने के लिए हम यह कर सकते हैं :

  • टेक्नो जुलूस, तामसिक संगीत महोत्सव अथवा रेव पार्टी जैसा तामसिक संगीत घर में और सार्वजनिक सम्मेलनों में सुनने से बचें ।
  • यदि टेक्नो जुलूस अथवा विशाल तामसिक संगीत महोत्सव का आयोजन आपके शहर में हो रहा हो, तो महापौर (मेयर) के कार्यालय में उसे प्रतिबंधित करने के लिए पत्र भेजें । साथ ही इससे होनेवाले दुष्प्रभावों का भी उल्लेख करें ।
  • संभव हो, तो टेक्नो जुलूस अथवा तामसिक संगीत महोत्सव के समय शहर छोडकर किसी प्राकृतिक स्थान में चले जाएं ।
  • टेक्नो जुलूस अथवा तामसिक संगीत महोत्सव के एक दिन पूर्व, उस दिन तथा उसके उपरांत पांच दिनों तक बहुत नामजप करें ।
  • आप यदि किशोरावस्था अथवा युवावस्था के बच्चों के अभिभावक हो, तो उन्हें ऐसा संगीत सुनने से होनेवाले दुष्प्रभावों से अवगत कराएं, जिससे कि वे ऐसे कार्यक्रमों में नहीं जाएंगे ।
  • समाज में विद्यमान अनिष्ट शक्तियों के दुष्प्रभावों से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए नियमित साधना करें । आध्यात्मिक उन्नति करना, मनुष्य जन्म के इस मुख्य ध्येय पर ध्यान केंद्रित करें ।