अनिष्ट शक्तियों (भूत, प्रेत, राक्षस, पिशाच इत्यादि)का अस्तित्व सूक्ष्म आयाम में अर्थात पंचज्ञानेंद्रिय, मन एवं बुद्धि से परे होता है । इसी कारण वे अधिकतर लोगों को न दिखते हैं, न अनुभव होते हैं न समझ में आते हैं ।
कैमरे की फिल्म केवल स्थूल तथा सघन का ही छायाचित्र ले सकती है । पंचतत्वों में से अनिष्ट शक्तियां वायुतत्व से संबंधित होती हैं । फलस्वरूप, अनिष्ट शक्तियों को उनके वास्तविक रूप में कैमरे की फिल्म में उतारना संभव नहीं है । तथापि किसी-किसी दुर्लभ प्रसंगों में जब अनिष्ट शक्ति का घनीकरण (मूर्त रूप में प्रकट होना) होता हैं, तब उसका छायाचित्र कैमरे की फिल्म में उतारा जा सकता है ।
अनिष्ट शक्तियों के घनीकरण के कारण निम्नलिखित हैं :
- वे कोई दुष्टतापूर्ण गतिविधि करना चाहती हैं ।
- अपनी ओर ध्यान आकर्षित करना चाहती हैं ।
- भयभीत करने के लिए
अनिष्ट शक्तियां वायुतत्व से निर्मित होती हैं;उनका घनीकरण पृथ्वीतत्व और /अथवा अन्य किसी पंचतत्व के साथ मिलकर कार्यरत होने से ही होता है । जिन सिद्धांतो पर वे कार्य करती हैं उसके आधार पर, उनके सघनित होने के विविध प्रकार हैं । निम्नांकित चित्र विविध संयोजनों तथा उनके विशिष्ट परिणामों को दर्शाता है ।
टिप्पणी :
सभी प्रकरणों में, मूर्त्त स्वरूप में आने के लिए पृथ्वी तत्व तथा उससे संबंधित सूक्ष्म तमोगुण का होना अनिवार्य है । संदर्भ हेतु पढें : तमोगुण क्या है ? साथ ही पढें – ऊपर दिए गए चित्र के चारों ओर सुरक्षा चौखट क्यों है ?
- जब केवल पृथ्वी तत्व के माध्यम से कार्यरत होने से अनिष्ट शक्तियों का घनीकरण होता है, उनका घनत्व बढ जाता है और तब उन्हें साधारण आंखों से अथवा छायाचित्र के लेंस से भली-भांति देखा जा सकता है । अनिष्ट शक्तियों के वैसे चित्र जिनमें उनकी उपस्थिति काली छाया के समान दिखती है, उनका इस प्रकार का घनीकरण पृथ्वी तत्व के माध्यम से कार्यरत होने से ही होता है ।
- जब आपतत्व (पृथ्वी तत्व सहित) के माध्यम से कार्यरत होने से उनका घनीकरण होता है, तब वे प्रवाह के रूप में दिखती हैं । इस प्रकार के घनीकरण का एक उदाहरण बहि प्रद्रव्य (इक्टोप्लास्म) , भंवर अथवा श्वेत रंग के प्रेत समान है ।
- जब अग्नितत्व (पृथ्वी तत्व सहित) के माध्यम से कार्यरत होने से उनका घनीकरण होता है, वे चमकती हुई वस्तु जैसे -बिंब समान प्रतीत होती हैं ।
- जब वायुतत्व (पृथ्वी तत्व सहित) के माध्यम से कार्यरत होने से उनका घनीकरण होता है, वे द्रुत गति से प्रवाहित स्वरूप में दिखती हैं ।
- जब उनका घनीकरण आकाशतत्व (पृथ्वी तत्व सहित) के माध्यम से कार्यरत होने से होता है, वे कोहरे अथवा कुहासे के रूप में दिखती हैं ।
अनिष्ट शक्तियों के घनीकरण के विविध प्रकार
निम्नांकित चित्र अनिष्ट शक्तियों (भूत, प्रेत, राक्षस, पिशाच इत्यादि) के सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित चित्र है, जो अति विकसित छठवीं इंद्रिय से युक्त SSRF की एक साधिका श्रीमती अंजली गाडगीळजी द्वारा देखें एवं बनाएं गए है । जब अनिष्ट शक्तियां (भूत, प्रेत, राक्षस, पिशाच इत्यादि) कोई विशेष रूप जैसे -मानवीय रूप नहीं ले सकती तब उनके द्वारा लिए मूर्त्त स्वरूप में आने के विविध प्रकार की व्यापक स्तर पर जानकारी ये चित्र प्रदान करते हैं । ये रूप पंचतत्वों में से किसी एक तत्व के प्रधान रूप से सघन होने पर निर्भर करते हैं ।
कुछ प्रकरणों में वे उसी रूप में छायाचित्रों में दिखाई देते हैं । छायाचित्रक (कैमरा) से छायाचित्र लेते समय किसी को कभी-कभी कुरुप चित्र दिखाई देते हैं । सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित ये चित्र विविध आकारों तथा रूप के अध्यात्मशास्त्र के संदर्भ में जानकारी देंगे ।
पृथ्वी
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जल
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अग्नि
वायु
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आकाश
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