अति विकसित छठवीं इंद्रिय के माध्यम से देखने पर अनिष्ट शक्ति (भूत, पिशाच, राक्षस, इत्यादि) का आप प्रधान तत्त्व में घनीकरण कैसा प्रतीत होता है, यह उपरोक्त सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित चित्र में दिखाया गया है ।
यह श्वेत-सा, पारदर्शी तथा एक ही दिशा में प्रवाही होता है । डायन, चुडैल, पिशाच जैसी अनिष्ट शक्तियां इस रूप में प्रकट होती हैं, जब आपतत्त्व में उनका घनीकरण अविशिष्ट रूप (उदाहरणार्थ मानवीय रूप) में होता है ।