चुडैल

१. परिचय

सामान्य अनिष्ट शक्ति जिसकी शक्ति १ होती है उसकी तुलना में चुडैल की तुलनात्मक शक्ति १००० होती है । संदर्भ हेतु देखें लेख अनिष्ट शक्ति के प्रकार । वर्तमान समय में लगभग विश्व की २ प्रतिशत जनसंख्या उनसे प्रभावित अथवा आविष्ट है तथा २०२५ तक इसकी संख्या और बढ जाएगी । विश्व की अत्यल्प प्रतिशत जनसंख्या उनसे प्रभावित है,यह ध्यान में रखते हुए हमने उसकी प्रमुख विशेषताओं की संक्षिप्त सूची दी है ।

२. सूक्ष्म-ज्ञान के आधार पर चुडैल का चित्र

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कृपया ध्यान दीजिए, यह मात्र एक कच्चा दिशानिर्देश है, चूंकि अनिष्ट शक्तियां अपने हेतु के आधार पर कोई भी रूप ले सकती हैं ।

३. चुडैल की मुख्य विशेषताएं

  • चुडैल की उपस्थिति में दुर्गंध आती है ।
  • जब व्यक्ति चुडैल से आविष्ट होता है, तब प्रकटीकरण होने पर वह निरंतर हंसता रहता है ।
  • वे विभिन्न रूप धारण करने में कुशल होती हैं ।
  • वे लोगों के शरीर में प्रवेश कर दुर्घटना करवाती हैं । इसके उपरांत उनकी सूक्ष्म-देहों को अपने नियंत्रण में लेकर वे उनसे अपना काम करवाती हैं । उन सूक्ष्म-देहों को काली शक्ति प्राप्त करने हेतु वे प्रशिक्षित भी करती हैं ।
  • वे पूरे घर पर नियंत्रण पाने में सक्षम होती हैं तथा उसके उपरांत वहां रहनेवाले पूरे परिवार का नाश कर सकती है ।
  • वे तंत्र-मंत्र के क्षेत्र की विशेषज्ञ होती हैं तथा जादू-टोना करने में भी प्रवीण होती हैं ।
  • वे अनिष्ट शक्तियों के सर्वोच्च प्रकार अर्थात सूक्ष्मरूपी-मांत्रिकों के साथ काम करती हैं ।

४. उपाय

  • उचित आध्यात्मिक उपचार द्वारा वास्तु की आध्यात्मिक शुद्धि करना तथा आध्यात्मिक शुद्धि हेतु उपयुक्त देवता का नामजप करना ।
  • चुडैल के कष्टों से मुक्ति पाने के लिए जन्म के धर्मानुसार ईश्वर का नामजप अथवा संतों द्वारा सुझाए गए ईश्वर का नामजप करना ही उपाय है । नामजप के साथ साधना के आगे-आगे के उच्चतर स्तर के चरण जैसे सत्संग,  सत्सेवा इत्यादि करना चाहिए ।

टिप्पणी : उपचार करनेवाले आध्यात्मिक उपचारक का आध्यात्मिक स्तर व्यक्ति को प्रभावित अथवा आविष्ट करनेवाली अनिष्ट शक्ति के स्तर से न्यूनतम २० प्रतिशत अधिक होना चाहिए । बाह्य आध्यात्मिक उपचारों से उपचार करने पर पीडित को कुछ समय के लिए अच्छा लग सकता है;किंतु इस कष्ट से (जो अनेक प्रसंगों में पिछले अनेक जन्मों से हमारे साथ होता है) स्थायी रूप से मुक्ति पाने के लिए, साधना करना तथा स्वयं में निरंतर तथा दीर्घकालावधि तक रहनेवाली सकारात्मकता को लाना आवश्यक है । यदि कोई आध्यात्मिक उपचार को नामजप के साथ करता है, तब उसे उसके कष्ट से अल्प कालावधि में मुक्ति मिल सकती है ।