कुंडलिनी का जागरण और चक्रों का जागरण व्यक्ति के आध्यात्मिक स्तर से सम्बन्धित है । अध्यात्मिक शोध द्वारा प्राप्त निम्न सारणी कुंडलिनी जागरण, मध्यमा नाडी द्वारा उत्क्रमण, चक्र जागरण के आध्यात्मिक स्तर की जानकारी देती है । कुंडलिनी जागरण साठ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर पर प्रारंभ होता है ।
आध्यात्मिक स्तर | चक्रों का जागरण | |
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६५% |
मूलाधार चक्र |
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७०% |
स्वाधिष्ठान चक्र |
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७५% |
मणिपुर चक्र |
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८०% |
अनाहत चक्र |
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८५% |
विशुद्ध चक्र |
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९०% |
आज्ञा चक्र |
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९५% |
सहस्त्रार चक्र |
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९५% से अधिक |
ब्रह्मरंध्र की जागृति |
आज कल, आध्यात्मिक उपायों के विषय में नई पीढी को हम उनके चक्रों के बारे में चर्चा करते हुए सुनते है कि चक्र खुला है या बंद अथवा चक्रों को संतुलित करने की आवश्यकता है । यह एक भ्रम है क्योंकि (जैसे कि सारणी में दिखाया गया है) एक उच्च आध्यात्मिक स्तर प्राप्त करने तक चक्र जागृत नहीं होते और अधिकांश लोगों के लिए वे सुप्तावस्था में रहते है । वास्तव में वे लोग क्रियाशील चेतना की बात करते हैं जिसे प्राणशक्ति भी कहते है । उदाहरण के लिए क्रियाशील चेतना हृदय के आसपास सुदृढ / शक्तिशाली होती है और उन लोगों की भाषा में वे इसे हृदय चक्र खुल गया ऐसे समझते हैं ।