HIN_ghosts-causing-sickness

अपनी प्रगत छठवीं इंद्रिय की सहायता से संत यह समझ लेते हैं कि किसी विशेष समस्या का कारण अनिष्ट शक्ति है अथवा मृत पूर्वज वे अनिष्ट शक्ति द्वारा किए आक्रमण का विस्तृत वर्णन, आक्रमण का कारण, अचूक उपाय इत्यादि भी बता सकते हैं । अधिक जानकारी के लिए कृपया अपसामान्य विषय अथवा घटनाओं को समझने हेतु हमारी छठवीं इंद्रिय की गहन क्षमता लेख का संदर्भ लें ।

जिनकी छठवीं इंद्रिय विकसित है, वे भी एक सीमा तक यह समझ सकते हैं कि कोई लक्षण अनिष्ट शक्ति के कारण है अथवा नहीं;तथापि वे १०० प्रतिशत निश्चित रूप से नहीं बता सकते तथा वे आक्रमण की प्रकृति की अधिक जानकारी नहीं ग्रहण कर सकते ।

हमारे जैसे सामान्य लोग जिनके पास छठवीं इंद्रिय की क्षमता नहीं है, वे कैसे समझेंगे कि कोई रोग अनिष्ट शक्ति के कारण हुआ है अथवा नहीं । अपनी बुद्धि के उपयोग से यह सुनिश्चित करने के कुछ साधारण नियम हैं । यदि किसी व्यक्ति में निम्न लक्षण हों तो उसके रोग का कारण अनिष्ट शक्तियों के होने की संभावना अधिक होती है :

  • पारंपरिक एवं सामान्य औषधियों से रोग में सुधार न होना,
  • अल्प कालावधि का होना,
  • रोग का कारण अज्ञात हो,
  • पूर्णिमा अथवा अमावस्या के दिन बढ जाना, और
  • आध्यात्मिक उपचार से राहत मिलना

उदाहरण के लिए, यदि त्वचा के लाल चकते (skin rash) जिद्दी हो, जो पारंपरिक औषधियों से ठीक नहीं होते, तो यह संभवतः अनिष्ट शक्तियों अथवा मृत पूर्वजों के कारण हो सकता है ।

जिन रोगों का मूल कारण शारीरिक और/अथवा मानसिक हो, तब भी हमारा सुझाव है कि चिकित्सकीय उपचार के साथ ही आध्यात्मिक उपचार भी करें । इसका कारण यह है कि अनिष्ट शक्ति रोग के कारण उत्पन्न हुई दुर्बलता का लाभ उठाकर व्यक्ति पर आक्रमण कर समस्या को और बढाती अथवा जटिल कर सकती है । इसलिए कोई भी रोग जो पूर्णतः शारीरिक रोग के रूप में आरंभ हुआ हो, अधिकतर प्रकरणों में, अनिष्ट शक्ति का आक्रमण उसे और जटिल बना देता है ।