पद्धति : कुदृष्टि उतारने के लिए नारियल का उपयोग
नारियल इष्ट और अनिष्ट दोनों प्रकार की तरंगों को आकर्षित कर सकता है । कष्टप्रद शक्ति की समस्या अधिक तीव्र होने पर कुदृष्टि उतारने के लिए नारियल का उपयोग करना अधिक उपयुक्त होता है ।
यह धार्मिक कृत्य करने के लिए क्या आवश्यक है ?
पध्दति
- पहला चरण : प्रार्थना
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जिस पर यह धार्मिक कृत्य किया जानेवाला है, वह व्यक्ति हनुमान जी को शरणागत भाव से नमस्कार करने के उपरांत प्रार्थना करे : ‘हे हनुमान जी, मुझे (पूरा नाम लें) होने वाले कष्ट इस नारियल की चोटी में अवशोषित होने दीजिए और इससे (धार्मिक कृत्य करने वाले व्यक्ति का संपूर्ण नाम का उच्चारण करें) को किसी भी प्रकार के कष्ट होने न दें । कृपया मुझमें विद्यमान संपूर्ण काली शक्ति नारियल की चोटी में अवशोषित होकर नष्ट होने दीजिए ।’
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धार्मिक कृत्य करने वाला व्यक्ति अनिष्ट शक्ति से प्रभावित न हो और धार्मिक कृत्य प्रभावी हो, इस हेतु श्री हनुमान से प्रार्थना करें ।
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- दूसरा चरण : धार्मिक कृत्य
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अनिष्ट शक्तियों के कष्ट से पीडित और जिस पर यह धार्मिक कृत्य करना है, वह व्यक्ति लकडी के पट्टे पर अथवा आसनी पर पूर्व दिशा में मुख कर घुटने मोडकर छाती के पास लेकर बैठे (नीचे का चित्र देखें)। हथेलियां ऊपर की दिशा में पसारकर घुटने पर रखें ।
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धार्मिक कृत्य करने वाला व्यक्ति अपनी अंजुली में नारियल पकडे और प्रभावित व्यक्ति के सामने खडा रहे (नीचे का चित्र देखें) । नारियल की चोटी प्रभावित व्यक्ति की ओर हो । वह नारियल की चोटी की ओर देखता रहे और निरंतर नामजप करे ।
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प्रभावित व्यक्ति के पांव से लेकर सिर तक नारियल को तीन बार वर्तुलाकार (घडी की सुई की दिशा में) घुमाएं । धार्मिक कृत्य करने वाला व्यक्ति घडी की सुई की दिशा में प्रभावित व्यक्ति की तीन बार परिक्रमा करे ।
यह सब करते समय नारियल की चोटी जिस पर धार्मिक कृत्य किया जा रहा है, निरंतर उसकी ओर होनी चाहिए । इसके लिए परिक्रमा करते समय पीडित व्यक्ति के सम्मुख न रहकर किनारे से इस प्रकार परिक्रमा करे जिससे शरीर का एक भाग उसकी ओर आए । परिक्रमा करते समय उपर्युक्त प्रार्थनाएं निरंतर करते जाएं ।
- तीसरा चरण : नारियल तोडना
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धार्मिक कृत्य संपन्न होने पर नारियल को तिराहे पर (जहां तीन सडकें मिलती हैं) वहां अथवा हनुमान जी के मंदिर में अथवा किसी भी पवित्र स्थान पर, ‘बजरंग बली हनुमान की जय’ का जयघोष करते हुए तोडें । यदि उपर्युक्त स्थान निकट में उपलब्ध न हो, तो किसी भी पवित्र स्थान पर अथवा घर के पिछवाडे में तोड सकते हैं । नारियल तोडते समय निम्न बातें हो सकती हैं :
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व्यक्ति के कष्टप्रद शक्ति से प्रभावित होने से नारियल भारी होता है और अनेक टुकडों में टूटकर उसका पानी फुहारेसमान ऊपर की दिशा में १-२ मीटरतक ऊंचा उडता है ।
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कभी-कभी नारियल सडा हुआ पाया जाता है ।
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कभी-कभी तीव्र कष्ट होने के कारण बलपूर्वक पटकने पर भी नारियल टूटता ही नहीं है; क्योंकि भीतर की कष्टप्रद शक्ति उपर्युक्त प्रार्थना के अनुसार हनुमान जी द्वारा नष्ट होना नहीं चाहती है ।
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कष्टप्रद शक्ति के अति बलवान होने पर नारियल अचानक उड जाता है और ढूंढने से भी नहीं मिलता है । इससे नारियल में अवशोषित की गई कष्टप्रद शक्ति का हम अनुमान लगा सकते है ।
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धार्मिक कृत्यों में प्रयुक्त नारियल पर होने वाले प्रभाव | प्रभावित व्यक्ति पर किए काला जादू करने के मुख्य उद्देश्य | काले जादू की तीव्रता (प्रतिशत की मात्रा में) |
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१. नारियल भारी होना |
निरंतर अस्थिरता, विचार करने में कठिनाई हो, इसलिए काला जादू करना |
20 |
२. नारियल के भीतर का पानी सूख जाना |
भूख न लगे, इसलिए अन्न के माध्यम से काला जादू करना |
29 |
३. नारियल काला पडना/सड जाना |
अस्थियां खोखली होने के लिए काला जादू करना |
32 |
४. नारियल अनेक टुकडों में टूट जाना |
शरीर की प्रत्येक कोशिका में काली शक्ति संक्रमित करने के लिए काला जादू करना |
35 |
५.नारियल न टूटना |
व्यक्ति की मृत्यु हो, इसलिए काला जादू करना |
40 |
६. नारियल उड जाना और ढूंढने पर न मिलना |
व्यक्ति की मृत्यु हो और उसकी सूक्ष्म-देह नियंत्रण में आए इसलिए काला जादू करना |
70 |
७. हाथ में पकडने पर उसे भूमि पर पटककर प्रत्यक्ष तोडने के पहले ही नारियल के अनेक टुकडे होना |
प्रभावित व्यक्ति के मन में आत्महत्या के विचार डालना और तद्नुसार उसका त्वरित आचरण हो, इसलिए काला जादू करना |
100 |
इस पद्धति का उपयोग करने से अनेक लोगों को एक साथ बिठाकर एक ही समय पर उनकी कुदृष्टि उतारना संभव होता है ।
- चौथा चरण : नारियल फेंक देना
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हनुमान जी से अनिष्ट शक्ति का नाश होने की प्रार्थना करते हुए, टूटे नारियल के टुकडे प्लास्टिक की थैली में इकट्ठा कर, उसे बंद कर घर के परिसर से दूर कूडे में फेंक सकते हैं ।
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