पितृदोष क्या है ?

अध्यात्म शास्त्र के अनुसार और आधुनिक विज्ञान के लिए अज्ञात, हमारे जीवन में ५०% समस्याएं केवल आध्यात्मिक कारणों से होती हैं और अन्य ३०% समस्याएं आध्यात्मिक एवं मानसिक और / अथवा शारीरिक कारणों से होती हैं ।

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संदर्भ लेख : ‘ जीवन की समस्याआें के मूलभूत आध्यात्मिक कारणों का वर्गीकरण ।

हमारे जीवन की समस्याआें के मूलभूत आध्यात्मिक कारणों में से एक है, मृत पूर्वजों की अतृप्ति के कारण वंशजों को कष्ट  होना (पितृदोष) । संपूर्ण मानवजाति को किसी न किसी प्रकार से प्रभावित करने वाले अनेक आध्यात्मिक कारणों में यह एक सामान्य कारण है । पूर्वजों के कारण वंशजों को किसी प्रकार का कष्ट क्यों हो, इसका विस्तृत स्पष्टीकरण देने से  पहले, आईए देखते हैं कि पितृदोष के कारण लोगों को किस प्रकार के कष्ट होते हैं ।

पितृदोष के कारण हमारे सांसारिक जीवन में तथा आध्यात्मिक साधना में बाधाएं उत्पन्न होती हैं । कुछ प्रसंगों में ऐसा दिखाई देता है मानो संपूर्ण परिवार पर कोई काली छाया है । इस पर अनेक प्रकार के उपाय करने पर भी परिवार के  सभी सदस्यों को विविध प्रकार की समस्याआें का सामना करना पड रहा है । दैनिक जीवन में पितृदोष के विविध लक्षण दिखाई देते हैं ।

  • विवाह न हो पाना
  • वैवाहिक जीवन में अशांति
  • व्यसन (लगभग ७०% व्यसन पितृदोष के कारण होते हैं)
  • परिपूर्ण सिद्धता करने पर भी परीक्षा में कुछ न सूझना
  • नौकरी छूट जाना
  • गर्भधारण में समस्या
  • गर्भपात
  • मानसिक दृष्टि से विकलांग बच्चे अथवा विशिष्ट समस्याआें से ग्रस्त बच्चे होना
  • बच्चों की अकाल मृत्यु होना

गर्भपात, बचपन में मृत्यु इ. तब होते हैं जब पितृदोष के साथ प्रारब्ध में अकाल मृत्यु जैसी अन्य कोई तीव्र आध्यात्मिक समस्या हो । ऐसी तीव्र समस्या केवल पितृदोष के कारण नहीं हो सकती । उपर्युक्त समस्याआें को यद्यपि (बौद्धिक दृष्टि से) पितृदोष के महत्त्वपूर्ण संकेत मान सकते हैं; तथापि केवल कोई संत अथवा गुरु (आध्यात्मिक दृष्टि से उन्नत मार्गदर्शक) ही निश्‍चित रूप से समस्या का मूलभूत कारण बता सकते हैं ।

बौद्धिक स्तर पर, हम दो सामान्य नियमों का उपयोग कर यह निश्‍चित कर सकते हैं कि समस्याका कारण  आध्यात्मिक है अथवा नहीं :

  • समस्या सुलझाने के सभी उपाय विफल हुए हैं । विशेषकर वे समस्याएं जो आधुनिक विज्ञान द्वारा सहजता से ठीक हो  सकती हैं उदा. त्वचा पर ददोरे आना (दाद), छाती में वेदना होना आदि ।
  • परिवार के अनेक सदस्य एक-साथ (उदा. ५ में से ४) उपर्युक्त समस्याआें में से किसी न किसी समस्या से ग्रस्त हैं ।  (परिवार के सभी सदस्यों के ग्रस्त होनेका कारण है, सभी के पूर्वज समान होना ।)