विषय सूची
१. विश्व भर के दृश्य
वाशिंगटन डीसी, यूएसए : प्रातः ८
असावधान रहने के कारण जब जॉन भूल गया कि उसने चाबी कहां रखी है, तब उसने घबराकर उसे ढूंढने में अपना केवल एक घंटा ही नहीं गंवाया, अपितु चाबी ढूंढने में पूरे घर को अस्त-व्यस्त कर अपनी पत्नी का मानसिक स्वास्थ्य भी बिगाड दिया ।
डबलीन, आयरलैंड १० बजे दिन
ऐसलिंग गैस चूल्हे पर रखी सब्जी को देखना भूल गई क्योंकि टेलिविजन पर आ रहे मनपसंदकार्यक्रम में वह मगन हो गई । उसके उत्तरदायित्वहीनता तथा लापरवाही के कारण सब्जी जल गई और उसे अब पुनः भोजन बनाना होगा ।
दक्षिणी कोरिया तट पर कहीं, ९ से ११.३० बजे दिन
इस बार वही गलती किंतु विस्तृत स्तर पर । फेयरी एम वी सेवोल का नाविक दल तथा व्यवस्थापन ने जहाज पर तिगुने से भी अधिक माल लाद दिया । उत्तरदायित्वहीनता तथा कार्यपद्धति का पालन न करने के कारण मुडते समय जहाज पलट गया, जिससे ३०४ यात्री तथा नाविक दल मर गए और १.७ लाख यूएस डॉलर का माल नष्ट हो गया ।
ब्राजीलिया, ब्राजील दोपहर १२ बजे
अधीर तथा लापरवाह स्वभाव के कारण रोबर्टो ने तेजी से लाल ट्रैफिक बत्ती (सिग्नल) को पार किया, जिससे एक बडी दुर्घटना हुई और ओलिवियेरा परिवार को गंभीर चोटें आईं ।
ऑकलैंड, न्यूजीलैंड दोपहर २ बजे
जब एलेन की सहेली मोनिक को सच्चा प्रेम मिल गया, तो एलेन इससे प्रसन्न होने की अपेक्षा उससे ईर्ष्या करने लगी । इससे उनकी मित्रता में दरार आ गई और अंतिमतः उनकी मित्रता समाप्त हो गई ।
रोम, इटली दोपहर ४ बजे
यह सुनकर कि पत्नी को बाहर जाने के लिए मना करने पर भी वह बाहर गई, गिओवान्नी के अहं को ठेस पहुंची और उसे क्रोध आया । उसने अपनी पत्नी को पीटने के लिए कमर का पट्टा (बेल्ट) निकाला । उसके क्रोध के कारण की गई घरेलू हिंसा ने उसकी पत्नी एवं बच्चों पर विपरीत प्रभाव डाला ।
लिस्बन, पुर्त्तगाल संध्या ६ बजे
अपने साहसी न होने तथा असुरक्षा की भावना से ग्रस्त होने के कारण एंटोनियो कभी भी काम में स्वयं के लिए खडा नहीं हो पाया, इसलिए वह सदैव ही निराशा की स्थिति में रहता है ।
स्टॉकहोम, स्वीडेन संध्या ७ बजे
जुलिया अपने अति भावनाशील स्वभाव के कारण भूतकाल में हुई कष्टदायक घटनाओं का स्मरण करती है, जिससे वह कई बार रोने लगती है ।
दुबई, यूएई दिन के ११ बजे
मृदुभाषी इमरान ने अपने लालच के कारण उस पर विश्वास करनेवाले अपने भाई आसिफ की पैतृक संपत्ति को अपने एक अवैध व्यवसाय में निवेश करने हेतु बाध्य कर दिया । वह व्यवसाय अंतिमतः असफल रहा और आसिफ को बडी आर्थिक हानि हुई ।
नई देहली, भारत, रात्रि ९.३० बजे
अब वही गलती एक विस्तृत स्तर पर । लालच के कारण एक भ्रष्ट नेता ने घूस से कमाए लाखों डॉलर्स अपने स्वीस बैंक के निजी खाते में स्थानांतरित करने के अंतिम प्रबंध किए । यदि यह पैसा भारत में ही रहता, तो लाखों भूखे लोगों को एक माह तक का भोजन मिल जाता ।
ये कुछ गलतियां हैं, जो प्रायः विश्वभर में की जाती हैं; उनमें से कुछ के परिणाम अत्यधिक दुःखदायी एवं भयावह होते हैं । ऊपरोक्त गलतियों में से कुछ गलतियां स्वयं से होती है, इसका हम सभी निरीक्षण कर सकते हैं । उनकी तीव्रता भिन्न हो सकती है, किंतु ये गलतियां मुख्यतः व्यक्ति में विद्यमान स्वभाव दोषों के कारण होती हैं । स्वभावदोष, अर्थात घमंड, क्रोध, लोभ तथा आलस्य जैसे मन में अंकित संस्कार, जो अवांछनीय विचार, भावनाएं तथा गतिविधियों को बढावा देते हैं और साथ ही स्वयं को तथा अन्यों को दुःख एवं हानि पहुंचाते है ।
२. व्यक्तिगत स्तर पर गलतियों का प्रभाव
क्या आपको आपके पिछली बार क्रोधित होने का स्मरण है ?क्या उस समय आप प्रसन्न थे ? संभवतः नहीं । हमारी प्रत्येक कार्यशाला में उपस्थित सभी लोग नहीं में ही उत्तर देते हैं । जिन व्यक्तियों में तीव्र स्वरूप के स्वभावदोष जैसे क्रोध, आलस्य, निष्कर्ष निकालना, उत्तरदायित्वहीनता इत्यादि होते हैं, वे प्रायः दुःखी व्यक्ति होते हैं और उनका मन सदैव अशांत रहता है । उनके प्रत्येक कृत्य तथा विचार उन दोषों से रंजित होते हैं, इसके फलस्वरूप वे स्वयं को तथा अन्यों को कष्ट देते हैं ।
३. निजी संबंधों पर प्रभाव
स्वभावदोषों के कारण होनेवाली गलतियों में केवल स्वयं को ही नहीं, अपितु हमारे आसपास रहनेवाले परिवार, सहकर्मी तथा मित्रों जैसे व्यक्तियों को दुःख देने की क्षमता होती है ।
कभी-कभी हमें लगता है कि अन्यों पर हमारा क्रोधित होना उचित है । वास्तविकता तो यही है कि यद्यपि हमें लगता है कि हमारे दुःख का कारण कोई व्यक्ति है, जिसने हमारे साथ कुछ अनुचित किया; किंतु उस पर क्रोधित होने से मात्र हमारे ही दुःख में वृद्धि होती है ।
४. समाज पर प्रभाव
समाज में हमारी स्थिति जितनी ऊंची होगी अथवा अन्यों पर प्रभाव जितना अधिक होगा, उतने ही अधिक लोग हमारे स्वभाव दोष से नकारात्मक रूप से प्रभावित होंगे । हमारे स्वभाव दोष हमें गलतियां करने तथा अनुचित निर्णय लेने हेतु प्रोत्साहित करते हैं । और यदि इन गलतियों से लोगों को कष्ट पहुंचता है, तब हम स्वयं पर नकारात्मक कर्मों का बोझ बढाते हैं । इसके फलस्वरूप हमें अनेक जन्मों तक और मृत्योपरांत के जीवन में उसे भोगना पडता है ।
५. स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया आपकी सहायता किस प्रकार करेगी
सुखदायक जीवन तथा मन की शांति पाने हेतु अपने मन से स्वभावदोष निकालना, एक महत्त्वपूर्ण मार्ग है । ट्युटोरियल की इस श्रृंखला में, हम आपको स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया सिखाएंगे । जब यह प्रक्रिया साधना के अन्य चरणों के साथ निष्ठापूर्वक नियमित की जाए, तब हमारी स्व-वास्तवीकरण प्रक्रिया होती है । इसका अर्थ है कि इस प्रक्रिया में इतनी क्षमता है कि यह व्यक्ति का जीवन उच्च स्तर तक उठा सकती है तथा उसकी शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करने में सहायक होती है । जब क्रोध एवं लोभ जैसे स्वभाव दोष हममें अल्प हो जाते हैं तब केवल हम ही सुखी नहीं होते अपितु हमारे संपर्क में रहनेवाले भी लाभान्वित होते हैं । SSRF की ओर से स्वभावदोष निर्मूलन तथा अहं निर्मूलन प्रक्रिया अभियान में हम सभी का स्वागत करते हैं ।