अनिष्ट शक्तियाें (राक्षस, पिशाच, भूत इत्यादि) के प्रकार

१. अनिष्ट शक्तियों के प्रकार

आरंभ में, यह समझ लेना महत्वपूर्ण है कि जब हम अनिष्ट शक्ति (राक्षस, भूत, पिशाच इत्यादि)इस संज्ञा का प्रयोग करते हैं, यह सामूहिक रूप से अनिष्ट शक्तियों के संपूर्ण विस्तार हेतु संबोधन है । निम्न स्तरीय अनिष्ट शक्ति एवं उच्च स्तरीय अनिष्ट शक्ति जैसे छठे तथा सातवें पाताल के सूक्ष्म स्तरीय मांत्रिक में अत्यधिक अंतर है । यह अंतर उनकी आध्यात्मिक शक्तियों के संदर्भ में है । यह अमरीका के सैन्य बल की तुलना प्रशांत महासागर के किसी छोटेसे देश के सैन्य बल से करने के समान है। यद्यपि दोनों देश स्वतंत्र राष्ट्र हैं, किंतु सैन्य शक्ति के संदर्भ में समान नहीं हैं ।

अनिष्ट शक्ति साधना से प्राप्त अपनी आध्यात्मिक शक्ति का प्रयोग मुख्यरूप मानवता को क्षति पहुंचाने के लिए करती है । वे कितनी क्षति पहुंचा सकती हैं, यह उनकी आध्यात्मिक शक्ति पर निर्भर करता है जो अनिष्ट शक्ति के प्रकार के अनुपात में होती है । आगे दी गई सारणी में हमने अनिष्ट शक्तियों के विविध प्रकार और उनकी संबंधित आध्यात्मिक शक्ति दी है ।

विविध प्रकार की अनिष्ट शक्तियों की संबंधितशक्ति की तुलनात्मक सारणी

सामान्य प्रकार अनिष्ट शक्ति की संबंधित शक्ति % प्रभावित व्यक्तियोंकी मात्रा (प्रतिशत) समान शक्ति के संतोंका आध्यात्मिक स्तर (प्रतिशत में)
भूत ३० प्रतिशत  –
राक्षस तथा असुर १-१० ५० प्रतिशत  –
५० प्रतिशत १०० १० प्रतिशत ७० प्रतिशत
स्त्री बेताल १००० २ प्रतिशत  –
डायन १००० २ प्रतिशत  –
चुडैल १००० २ प्रतिशत ८० प्रतिशत
पिशाच १०००० ४ प्रतिशत ८५ प्रतिशत
सूक्ष्म स्तरीय १०००००-अनंत ० प्रतिशत ९०-९५ प्रतिशत

टिप्पणियां :

१. सारणी में दिए ये आंकडे वर्तमान समय से वर्ष २०२५ तक लागू होते हैं । ये उच्च स्तरीय अनिष्ट शक्तियों की बढती गतिविधियां दर्शाते हैं । संदर्भ हेतु पढें लेख – तीसरे विश्वयुद्ध की भविष्यवाणियां तथा धर्मयुद्ध तथा अच्छार्इ विरुद्ध बुरार्इ का युद्ध । अतः सामान्य रूप से जो अनिष्ट शक्तियां सामान्य लोगों को प्रभावित करती है वे संभवतः भूत/दिवंगत पूर्वज होंगे, इस सारणी में अभी ये मानवजाति को प्रभावित करनेवाले राक्षसों की प्रधानता दर्शाते हैं ।

२. प्रभावित लोगों की प्रतिशतता से हमारा अर्थ है, विविध प्रकार की अनिष्ट शक्तियों से प्रभावित विश्व की जनसंख्या ।

३. यह स्तंभ अनिष्ट शक्तियों की शक्ति की तुलना में धर्मप्रसार कर रहे संतों के आध्यात्मिक स्तर को दर्शाता है । उदाहरण के लिए, धर्मप्रसार कर रहे ७० प्रतिशत आध्यात्मिक शक्ति के संत की तुलना में अनिष्ट शक्ति के एक प्रकार स्त्री बेताल की आध्यात्मिक शक्ति अधिक होगी । सामान्य तांत्रिक/आध्यात्मिक उपचारकों के लिए भूत अथवा दिवंगत पूर्वजों (जो अनिष्ट शक्ति नहीं बने हैं) से उच्च स्तर की अनिष्ट शक्ति को हराना असंभव है । सामान्य तांत्रिक, आध्यात्मिक उपचारक, मांत्रिक तथा साधारण पुजारी व्यक्ति को प्रभावित अथवा आविष्ट करनेवाली सामान्य अनिष्ट शक्ति अथवा दिवंगत पूर्वजों को हटाने में सफल हो सकते हैं । व्यक्ति यदि उच्च स्तर की अनिष्ट शक्ति से आविष्ट हो, तो वे सामान्यतः उसके संदर्भ में अनभिज्ञ रहते हैं ।

४. अधिकांश प्रकरणों में, व्यक्ति ‘अपने वंशजों को कष्ट देने की इच्छा रखनेवाले दिवंगत पूर्वज’ से ही प्रभावित होते हैं । उच्च स्तर की अनिष्ट शक्तियां दिवंगत पूर्वजों की अपने वंशजों को कष्ट देने की इच्छा बढाती रहती है । इसलिए राक्षस द्वारा प्रभावित व्यक्ति के प्रकरण में भी राक्षस दिवंगत पूर्वजों के माध्यम से ही ऐसा कर सकते हैं । कुछ प्रकरणों में दिवंगत पूर्वज ही अनिष्ट शक्ति के किसी प्रकार (वर्ग) में से एक हो सकती है ।

५. सूक्ष्म स्तरीय मांत्रिक सीधे व्यक्ति को प्रभावित करे, ऐसा होना दुर्लभ है । यदि ऐसा होता है, तो मात्र निम्न प्रसंगों में :

अ. मानवजाति के एक बडे वर्ग के पतन हेतु कार्यरत कुख्यात आतंकवादी की सहायता करने, अथवा

आ. आध्यात्मिक स्तर पर मानवता के उत्थान हेतु कार्यरत किसी संत के ध्येय को रोकने के लिए ।

जैसे कि हम ऊपरोक्त सारिणी में देख सकते हैं, सूक्ष्म स्तरीय मांत्रिकों की शक्ति सभी प्रकार की अनिष्ट शक्तियों से सर्वाधिक होती है । उनके पास प्रचंड मात्रा में आध्यात्मिक काली शक्ति होती है । वे इसका प्रयोग बडे क्षेत्रफल के विनाश तथा मानवता को तीव्र रूप से प्रभावित करने में कर सकते हैं । छठे तथा सातवें पाताल के सूक्ष्म स्तरीय मांत्रिक स्वर्ग के कनिष्ठ स्तर के देवताओं के प्रकट रूप के साथ सूक्ष्म स्तर पर युद्ध कर सकते हैं ।

१.१ अनिष्ट शक्तियों के परिचित नामों के संदर्भ में क्या ?

आपमें से जिन्होंने अनिष्ट शक्तियों से संबंधित साहित्य पढे हैं, वे सोच रहे होंगें कि इनके जिन नामों से आप परिचित हैं, जिनके बारे में आपने पढा है, जैसे शैतान, जिन्न इत्यादि उनका क्या ? ये ऊपर दिए गए सामान्य प्रकार की अनिष्ट शक्तियों के अलग-अलग नाम हैं, जो उस ढांचे में बैठते हैं ।

२. क्या अनिष्ट शक्तियों में पदक्रम होता है ?

हां, अनिष्ट शक्तियों में पदक्रम होता है, जो उनकी आध्यात्मिक शक्ति अथवा क्षमता पर आधारित होता है । अंतिमतः सभी अनिष्ट शक्तियां सूक्ष्म स्तरीय मांत्रिकों द्वारा नियंत्रित होती हैं ।

२.१ क्या सभी अनिष्ट शक्तियों का कोर्इ प्रमुख होता है ?

हां, एक सूक्ष्म स्तरीय मांत्रिक जो गुरु सूक्ष्म स्तरीय मांत्रिक होता है, वह अन्य सूक्ष्म स्तरीय मांत्रिकों का मार्गदर्शन करता है ।

३. कैसे कोर्इ एक विशेष प्रकार की अनिष्ट शक्ति बन जाता है ?

  • किसी व्यक्ति के एक विशिष्ट प्रकार की अनिष्ट शक्ति बन जाने का मुख्य कारण है, उसका प्रधान स्वभाव दोष तथा मृत्यु के समय उसके प्रधान विचार । उदाहरण के लिए जो लोग मानवता को बडी मात्रा में दुष्प्रभावित करना चाहते हैं, उनके मांत्रिक बनने की संभावना अधिक होती है । दूसरी ओर अत्यधिक सांसारिक इच्छा तथा निरंतर अन्यों का बुरा सोचनेवाले अपनी मृत्यु के पश्चात अंततः सामान्य अनिष्ट शक्ति बन जाते हैं । यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि किस में कितनी मात्रा में यह दोष बना तथा कितनी बार कृत्य में प्रकट हुआ है ।
  • इस प्रकार किसी का मृत्योपरांत जीवन में आगे की यात्रा इस बात से भी ज्ञात हो सकती है कि पृथ्वी पर रहते समय वह किस प्रकार की अनिष्ट शक्ति से नियंत्रित किया जा रहा था । जब पृथ्वी पर रह रहा व्यक्ति जब पूर्ण रूप से सूक्ष्म स्तरीय मांत्रिक जैसी अनिष्ट शक्ति से नियंत्रित किया जा रहा हो, तो ऐसे प्रसंग में मृत्योपरांत उसके सूक्ष्म स्तरीय मांत्रिक के दास बनने की संभावना अत्यधिक होगी ।
  • मूलभूत नियम यह है कि नकारात्मक व्यक्तित्व नकारात्मकता को आकर्षित करेगा और जाने-अनजाने अनिष्ट शक्तियां (भूत, प्रेत, राक्षस इत्यादि) इसे और बढाएंगी ।

४. विभिन्न प्रकार की अनिष्ट शक्तियों का मूलभूत आकार एवं रूप

अनेक लेखों में हमने जहां अनिष्ट शक्तियों के विभिन्न प्रकारों के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी है, उनके सामान्य रूप के सूक्ष्म ज्ञान पर आधारित चित्र भी दिए हैं । कृपया ध्यान दें कि अनिष्ट शक्तियों का यह केवल रफ (कच्चा चित्र है, क्योंकि वे कोर्इ भी रूप धारण कर सकती हैं ।

शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंध तथा उससे जुडी शक्ति ये सभी एकत्रित रहते हैं, अध्यात्म का यह सिद्धांत अनिष्ट शक्तियों के संदर्भ में भी सत्य है । उनकी शक्ति के आधार पर वे सामान्य रूप धर सकते हैं । यद्यपि ये रूप वे क्या प्राप्त करना चाहते हैं, इसके आधार पर परिवर्तित भी हो सकते हैं । उदाहरण के लिए अनिष्ट शक्ति यदि डराना चाहती हो तो वह भयावह रूप धारण करेगी । और यदि वह किसी आध्यात्मिक उपचारक को मूर्ख बनाना चाहेगी तो वह देवदूत अथवा इष्ट शक्ति का रूप धर सकती है । लोग अपने दिवंगत संबंधियों के संदर्भ में जानने के लिए अतींद्रियदर्शी (psychics) के पास जाते हैं तब अनिष्ट शक्तियां हमारे दिवंगत पूर्वजों का रूप लेकर भी अतींद्रियदर्शी का तथा उनके पास जाने वाले लोगों का गलत मार्गदर्शन कर सकती है । लगभग सभी प्रकरणों में ऐसा ही होता है ।

५. अनिष्ट शक्तियों के प्रकार के संदर्भ में SSRF का शोध

स्पिरिच्युअल साइन्स रिसर्च फाऊंडेशन (SSRF) वर्ष २००० से अनिष्ट शक्तियों के विविध प्रकार तथा उनके प्रकटीकरण का अध्ययन कर रहा है । उस समय पूरे भारत में फैले SSRF के आश्रमों के साधक तीव्र साधना कर रहे थे तथा संस्था ने यह लक्ष्य रखा था कि अध्यात्मप्रसार द्वारा वर्ष २०२५ के उपरांत वह आध्यात्मिक दृष्टि से एक नए युग की रचना करेगी । इन दोनों कारणों से, अनिष्ट शक्तियों द्वारा SSRF के साधकों को लक्ष्य बनाए जाने में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई, ऐसा हमारे ध्यान में आया । आरंभिक काल में निम्न स्तर की अनिष्ट शक्तियां SSRF के आश्रम तथा साधकों पर आक्रमण करने लगीं । SSRF के साधकों ने इस आक्रमण का सामना अपना आध्यात्मिक स्तर बढाकर, आध्यात्मिक उपचार कर तथा सर्वाधिक महत्वपूर्ण अपने आध्यात्मिक मार्गदर्शक परम पूजनीय डॉ. आठवलेजी की कृपा से किया । तथापि जैसे-जैसे वर्ष बीतते गए, SSRF के आश्रम में हो रहे आध्यात्मिक शोधों को रोकने के लिए अधिक आध्यात्मिक शक्ति युक्त विविध प्रकार की अनिष्ट शक्तियों ने साधकों पर आक्रमण किया I

HIN_SR-in-Ghosts

वर्ष २००० से अभी तक SSRF विविध प्रकार की अनिष्ट शक्तियों द्वारा किए गए सूक्ष्म स्तरीय आक्रमण तथा भूतावेश पर हजारों शोधों का साक्षी रहा है । इस खंड में हमने अनिष्ट शक्तियों के विभिन्न प्रकारों तथा उनकी विशेषताओं का विवरण प्रस्तुत किया है ।