अति विकसित छठवीं इंद्रिय के माध्यम से देखने पर अनिष्ट शक्ति (भूत, पिशाच, राक्षस, इत्यादि) का आकाश प्रधान तत्त्व में घनीकरण कैसा प्रतीत होता है, यह उपरोक्त सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित चित्र में दिखाया गया है ।
यह इस प्रकार दिखता है :
> काले कण के रूप में जब आकाशतत्त्व का पृथ्वीतत्त्व के साथ घनीकरण होता है
> प्रवाही श्वेत कण के रूप में जब आकाशतत्त्व का आपतत्त्व के साथ घनीकरण होता है
> चमकदार कणों के रूप में जब आकाशतत्त्व का तेजतत्त्व के साथ घनीकरण होता है
> कष्टदायक गूंजते नाद में पारदर्शी कुहासे-समान
सूक्ष्म स्तरीय मांत्रिक इस रूप में प्रकट होते हैं, जब उनका घनीकरण अविशिष्ट रूप (उदाहरणार्थ मानवीय रूप) में आकाशतत्त्व में होता है ।