Case Studies
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योगाभ्यास के आध्यात्मिक लाभ (आसन एवं प्राणायाम)
१. योगवर्ग और आध्यात्मिक उन्नति – एक प्रस्तावना आजकल संपूर्ण विश्व में योगवर्ग एवं योगाभ्यास करना बहुत लोकप्रिय हो रहा है। अनेक योगाभ्यास वर्गों में हमारे प्राचीन योगियोंद्वारा विकसित अनेक योगमुद्राएं (आसन) एवं श्वसन व्यायाम (प्राणायाम) सिखाए जाते हैं जिनसे हमारे शरीर में विद्यमान प्राणशक्ति का नियमन होता है । योगवर्ग में जाकर योगाभ्यास सीखने … योगाभ्यास के आध्यात्मिक लाभ (आसन एवं प्राणायाम) को पढ़ना जारी रखें
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आध्यात्मिक रूपांतरण – साधना से पितृदोष (पूर्वजों की अतृप्ति के कारण होनेवाले कष्ट) दूर होना
१. प्रस्तावना अध्यात्म क्या है, इसका ज्ञान न होने पर भी बचपन से ही मेरा झुकाव अध्यात्म की ओर था । मेरे अंर्तमन में सदैव यह भाव था कि ईश्वर मेरा योगक्षेम वहन करेंगे । एक हिंदू परिवार में मेरा पालन-पोषण हुआ, जहां प्रतिदिन परंपरागत विधियों का पालन एवं ईश्वर की पूजा-आराधना होती थी । … आध्यात्मिक रूपांतरण – साधना से पितृदोष (पूर्वजों की अतृप्ति के कारण होनेवाले कष्ट) दूर होना को पढ़ना जारी रखें
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आध्यात्मिक स्तर क्या है ?
१. आध्यात्मिक स्तर के संदर्भ में व्यक्ति की आध्यात्मिक परिपक्वता अथवा आध्यात्मिक क्षमता का वर्णन करने के लिए SSRF आध्यात्मिक स्तर शब्द का (संज्ञा का) उपयोग करता है । यह व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास का एक मापक (scale) है तथा इस बात का भी संकेत है कि व्यक्ति साधनायात्रा में तुलनात्मक दृष्टि से कहांतक पहुंचा … आध्यात्मिक स्तर क्या है ? को पढ़ना जारी रखें
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आध्यात्मिक रूपांतरण – ईश्वर से पुनर्मिलन
१. प्रस्तावना जब मैं तीन वर्ष की थी तभी मेरे माता-पिता ने मुझे विद्यालय भेजने का निर्णय लिया क्योंकि मैं कभी शांत नहीं रहती थी; इस कारण मुझ पर अत्यधिक ध्यान देना पडता था । मैं तीन वर्षोंतक एक नर्सरी विद्यालय में अध्ययन करती रही जबतक कि मैं प्राथमिक विद्यालय में जाने योग्य नहीं हो … आध्यात्मिक रूपांतरण – ईश्वर से पुनर्मिलन को पढ़ना जारी रखें
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साधक किसे कहें ?
इस लेख में साधक किसे कहे, उसके गुण-विशेषताएं, सामान्य व्यक्ति से उसकी तुलना इत्यादि के संदर्भ में बताया गया है ।
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आध्यात्मिक विकास के चरण
आधुनिक शिक्षा प्रणाली में जिस प्रकार विविध उपलब्धियां होती हैं, वैसे ही हमारी आध्यात्मिक यात्रा (साधना) में भी उपलब्धियां होती हैं ।
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आध्यात्मिक उन्नति – आध्यात्मिक रूप से उन्नत होने हेतु मार्गदर्शक सूत्र
१. आध्यात्मिक उन्नति क्या है ? आध्यात्मिक उन्नति का अर्थ है स्वयं में विद्यमान आत्मा अथवा ईश्वरीय तत्व को उत्तरोतर अनुभव करना । आध्यात्मिक उन्नति, साधना का परिणाम है । यह परिभाषा अध्यात्म विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित है और इसका विस्तृत विवेचन हमारे लेख आध्यात्मिक स्तर में किया गया है । २. शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करने … आध्यात्मिक उन्नति – आध्यात्मिक रूप से उन्नत होने हेतु मार्गदर्शक सूत्र को पढ़ना जारी रखें
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आध्यात्मिक रूपांतरण – साधना से पितृदोष (पूर्वजों की अतृप्ति के कारण होनेवाले कष्ट) दूर होना
१. प्रस्तावना अध्यात्म क्या है, इसका ज्ञान न होने पर भी बचपन से ही मेरा झुकाव अध्यात्म की ओर था । मेरे अंर्तमन में सदैव यह भाव था कि ईश्वर मेरा योगक्षेम वहन करेंगे । एक हिंदू परिवार में मेरा पालन-पोषण हुआ, जहां प्रतिदिन परंपरागत विधियों का पालन एवं ईश्वर की पूजा-आराधना होती थी । … आध्यात्मिक रूपांतरण – साधना से पितृदोष (पूर्वजों की अतृप्ति के कारण होनेवाले कष्ट) दूर होना को पढ़ना जारी रखें
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साधक में परिवर्तन – साधनाद्वारा नकारात्मक विचार एवं क्रोध पर नियंत्रण
१. प्रस्तावना बचपन से ही मुझे र्इश्वर के अस्तित्व पर विश्वास था; परंतु मेरा यह मानना था कि वे कभी विशिष्ट रूप धारण नहीं करते । मेरे परिवार की पृष्ठभूमि चीन से संबंधित है । हम लोग बौद्ध धर्म की परंपराओं तथा आस्थाओं का पालन करते हैं; परंतु कठोरता से नहीं । १० वर्ष की … साधक में परिवर्तन – साधनाद्वारा नकारात्मक विचार एवं क्रोध पर नियंत्रण को पढ़ना जारी रखें
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आध्यात्मिक रूपांतरण – ईश्वर से पुनर्मिलन
१. प्रस्तावना जब मैं तीन वर्ष की थी तभी मेरे माता-पिता ने मुझे विद्यालय भेजने का निर्णय लिया क्योंकि मैं कभी शांत नहीं रहती थी; इस कारण मुझ पर अत्यधिक ध्यान देना पडता था । मैं तीन वर्षोंतक एक नर्सरी विद्यालय में अध्ययन करती रही जबतक कि मैं प्राथमिक विद्यालय में जाने योग्य नहीं हो … आध्यात्मिक रूपांतरण – ईश्वर से पुनर्मिलन को पढ़ना जारी रखें
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साधकों में रूपांतर – कष्ट से आनंद में
१. प्रस्तावना बचपन से ही मुझमें र्इश्वर के अस्तित्व के प्रति श्रद्धा जागृत हुई । तदुपरांत जीवन-यापन के लिए मेरे पिताजी ने उन दिनों युगोस्लाविया की कम्युनिस्ट पार्टी में प्रवेश किया और उस दिन से हमारे घर में र्इश्वर शब्द का उल्लेख करने पर प्रतिबंध लग गया । मेरी दादी ने मुझे सभी से छिपाकर … साधकों में रूपांतर – कष्ट से आनंद में को पढ़ना जारी रखें
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केवल ४ मास की साधना से सकारात्मक परिवर्तन होना
वर्ष १९८५ में मेरे पिता के देहांत के उपरांत मुझे अत्यधिक कष्ट हुआ । मैंने हिंसक प्रवृत्ति के अपने परिजनों से सारे संबंध समाप्त करने का निर्णय लिया, जिनसे मुझे पूरा जीवन यातना ही मिली । मैं अपने पिता के देहांत से शोकाकुल थी और मुझे पता था कि अपनी सुरक्षा और अपने आस्तत्व के … केवल ४ मास की साधना से सकारात्मक परिवर्तन होना को पढ़ना जारी रखें
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साधना आरंभ करने के केवल नौ माह उपरांत सकारात्मक परिवर्तन होना
अपने नष्टप्राय जीवन के पुनर्निर्माण हेतु मैंने वर्ष २००९ में योग, ध्यान-साधना, वैकल्पिक चिकित्सा, ज्योतिष इत्यादि का अध्ययन आरंभ किया । उस समय मैं खराब संबंध, नशीले पदार्थों का सेवन तथा मदिरापान इत्यादि से गंभीर रूप से पीडित था । मैं प्रतिदिन ढाई डिब्बे सिगरेट पीता था, मेरे पास कभी पैसे नहीं रहते थे । … साधना आरंभ करने के केवल नौ माह उपरांत सकारात्मक परिवर्तन होना को पढ़ना जारी रखें
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साधकों में सकारात्मक परिवर्तन – सत्य की खोज
अनेक लोग आज अनुचित मार्गदर्शन के कारण अपने कष्टों पर विजय प्राप्त करने हेतु उचित प्रयास नहीं कर पाते और जीवन में निराश होने लगते हैं । किंतु सांसारिक विषयों से विपरीत यदि आनंद प्राप्ति की जिज्ञासा मन में हो तो ईश्वर उसकी सहायता निश्चित रूप से करते हैं । यह प्रेरणादायक लेख योग्य साधना प्रारंभ करने के उपरांत एक साधक में हुए सकारात्मक परिवर्तनों को दर्शाता है ।