Case Studies
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जन्म से पूर्व जीवन : गर्भधारण होने से पूर्व
इस लेख को समझने के लिए आपको निम्नलिखित लेखों से स्वयं को परिचित करने की आवश्यकता होगी : प्रारब्ध एवं कर्म का सिद्धांत लेन-देन का सिद्धांत सत्त्व, रज, एवं तम मृत्यु के उपरांत हम कहां जाते हैं ? जीवन का उद्देश्य १. जन्म से पहले का जीवन-एक परिचय क्या मेरे पास यही जीवन है ? … जन्म से पूर्व जीवन : गर्भधारण होने से पूर्व को पढ़ना जारी रखें
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जन्म से पूर्व जीवन : गर्भाश्यकाल
सारांश पृथ्वी पर एक व्यक्ति का जीवन गर्भधारण के समय से आरम्भ हो जाता है । यह उसके प्रारब्ध के अनुसार होता है । साधारणत: गर्भधारण के तीसरे माह के पश्चात ही सूक्ष्म शरीर गर्भ में प्रवेश करता है । सूक्ष्म शरीर गर्भ में व्यस्क जैसी चेतना बनाए रखता है । साधना गर्भकाल को सुखद … जन्म से पूर्व जीवन : गर्भाश्यकाल को पढ़ना जारी रखें
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किसी मध्यस्थों का (माध्यम बनने वाले जिन व्यक्तियों का) अथवा Ouija बोर्ड की सहायता से अपने किसी मृत रिश्तेदारों से संपर्क करने का आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य क्या है ?
किसी माध्यम अथवा Ouija बोर्ड की सहायता से अपने किसी मृत संबंधी से संपर्क करने का आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य क्या है ? निम्नलिखित कारणों से किसी दिवंगत संबंधी को किसी माध्यम अथवा Ouija बोर्ड (परिभाषा – मृतकों की आत्माओं से संपर्क करने हेतु प्रयोग किये जानेवाला बोर्ड) द्वारा संपर्क करना हानिकारक है : १. अधिकांश माध्यम … किसी मध्यस्थों का (माध्यम बनने वाले जिन व्यक्तियों का) अथवा Ouija बोर्ड की सहायता से अपने किसी मृत रिश्तेदारों से संपर्क करने का आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य क्या है ? को पढ़ना जारी रखें
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क्या हम मृत्यु के पश्चात अपने मृत पूर्वजों और प्रियजनों से मिल सकते हैं ?
१. प्रस्तावना हममें से प्रत्येक के मन में कभी न कभी यह विचार आता है कि मृत्यु के पश्चात क्या हम अपने बिछुडे हुए पितरों और प्रियजनों से मिल सकेंगे । इस लेख का उद्देश्य उन कारकों और सिद्धांतों का वर्णन करना है जो ये निर्धारित करते हैं कि हम मृत्यु पश्चात किसे मिल सकते … क्या हम मृत्यु के पश्चात अपने मृत पूर्वजों और प्रियजनों से मिल सकते हैं ? को पढ़ना जारी रखें
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मृत्यु के उपरांत हम कहां जाते हैं ?
सार पिछले जन्म के अनुभवों की असंख्य अभिलिखित और अनुसंधानित घटनाएं स्पष्टरूप से कि मृत्यु के उपरांत जीवन का संकेत देती हैं । पुनर्जन्म की सभी घटनाओं में यह पाया गया कि व्यक्ति की मृत्यु और पृथ्वी पर उसके पुनर्जन्म के बीच का अंतराल परिवर्तनशील होता है । ऐसे में मृत्यु के उपरांत और पृथ्वी … मृत्यु के उपरांत हम कहां जाते हैं ? को पढ़ना जारी रखें
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प्रकाश में जाना’ इसका आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य
कभी-कभी व्यक्ति को ऐसा अनुभव होता है कि वह एक सुरंग में है और सुरंग के अंत में वह प्रकाश में आगे बढ रहा है | इस लेख में उस दिखनेवाले प्रकाश का आध्यात्मिक दृष्टिकोण बताया गया है ।
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मर्त्यलोक क्या है ?
मृत्यु होने के त्वरित उपरांत सभी ब्रह्मांड के एक अस्थायी लोक में जाते हैं, जिसे मर्त्यलोक कहते हैं । इस क्षेत्र में सूक्ष्म-देह, स्थूल देह के बिना उसकी एक नई परिस्थिति के अनुरूप ढलती है । इस लोक के १० उपलोक होते हैं, जिससे होकर सूक्ष्म-देह आगे बढते जाती है ।