प्रारंभ में ही, हमारा सुझाव है कि आप विभिन्न प्रकार के आध्यात्मिक उपचारों के सिद्धांतों को स्पष्ट करनेवाला लेख आध्यात्मिक उपचार पढें ।
१. बक्से द्वारा आध्यात्मिक उपचार -प्रस्तावना
आध्यात्मिक उपचार करने के लिए एक साधारण गत्ते का बक्सा अविश्वसनीय साधन लगता है । परंतु ईश्वर की कृपा से, SSRF ने अपने आध्यात्मिक शोध में इस आध्यात्मिक उपचार पद्धति को खोजा, जो नकारात्मक, कष्टदायक, सूक्ष्म शक्तियों को हमारे शरीर से निकालने का अत्यंत सरल परंतु अति प्रभावशाली साधन है ।
आध्यात्मिक उपचारों की आवश्यकता तब होती है जब समस्या के कारणभूत घटक आध्यात्मिक आयाम के हों, जैसे अनिष्ट शक्तियां (भूत, राक्षस, पिशाच आदि) । यह हमने अपने खंड आध्यात्मिक आयाम हमारे जीवन को किस प्रकार प्रभावित करते हैं ? में विस्तारपूर्वक स्पष्ट किया है ।
२. बक्से के आध्यत्मिक उपचार क्या हैं ?
२.१ SSRF द्वारा गत्ते के बक्से की आध्यात्मिक उपचार पद्धति कैसे ढूंढी गई ?
२००५ में प.पू. डॉक्टर आठवलेजी के ध्यान में आया कि उनके कक्ष की रिक्त अलमारी और दराजों से दैवी सुगंध प्रक्षेपित होने लगी है । प्रयोग के लिए, उन्होंने SSRF शोध केंद्र के तीव्र आध्यात्मिक कष्ट से पीडित एक साधक को इन खुली हुई विशिष्ट दराजों और अलमारी के सामने बैठने के लिए कहा । तब यह ध्यान में आया कि इन रिक्त दराजों और अलमारी ने आध्यात्मिक उपचार की प्रक्रिया को गति दी और संबंधित साधक को अनिष्ट शक्तियों के तीव्र आध्यात्मिक कष्ट से छुटकारा मिला ।
प.पू. डॉक्टर आठवले आश्चर्यचकित थे कि इस नवीन उपचार पद्धति की प्रतिकृति (model) कैसी बनाई जाए, जिससे अन्यों को भी उसका आध्यात्मिक स्तर पर लाभ हो। इसलिए इस उपचार पद्धति के पीछे आध्यात्मिक कारण क्या है, यह जानने के लिए आध्यात्मिक शोध आरंभ हुआ । परंतु प्रगत छठवीं इंद्रिय से विरोधाभासी उत्तर मिला कि, कुछ भी नहीं ! रिक्त दराजों में कुछ भी नहीं होता है वह स्थान रिक्त अथवा शून्य होता है । यह निर्वात स्थान शक्तिशाली परम शुद्ध आकाश तत्त्व से संबंधित होता है । ब्रह्मांड के सभी तत्वों में, आकाश तत्व सूक्ष्मतम तथा सर्वाधिक शक्तिशाली होता है । मनुष्य अर्थात (बद्ध) जीव मुख्यतः पृथ्वी तत्व और आप तत्त्व से तथा न्यूनतम आकाश तत्व से बना होता है । इसलिए जब वह आकाश तत्व के संपर्क में आता है, तब आध्यात्मिक उपचारों में गति आती है ।
२.२ प्रयोग के अगले चरण
रिक्ति में आध्यात्मिक उपचारी क्षमता होती है । इस सिद्धांत को अपनाने से, हमने पाया कि सहज उपलब्ध रिक्त गत्ते के बक्सों के उपयोग से आकाश तत्व की आध्यात्मिक उपचारी क्षमता का लाभ उठा सकते हैं । एक अथवा एक से अधिक रिक्त बक्सों को अपने समीप रखने से हमें ज्ञात हुआ कि इसमें हमारे भीतर की काली शक्ति को खींच कर निकाल देने की क्षमता है । इस लेख में हमने आगे ऐसे कुछ घटकों का उल्लेख किया है जिनपर प्रयोग की प्रभावकारिता निर्भर करती है ।
जब हमें यह ज्ञान प्राप्त हुआ तब हमने रिक्त बक्से की आध्यात्मिक उपचार पद्धति का प्रयोग अनिष्ट शक्ति से पीडित एक लडकी पर किया और वह लडकी केवल ३० मिनट में स्वस्थ हो गई, यह देखकर हम आश्चर्यचकित हुए । अनेक प्रयोगों के पश्चात जब गत्ते के खाली बक्सों के अनिष्ट शक्तियों से प्रभावित अथवा आविष्ट साधकों पर सकारात्मक प्रभाव होते दिखाई दिए, तब यह आध्यात्मिक उपचार पद्धति शीघ्र ही SSRF की एक मुख्य उपचार पद्धति के रूप में स्वीकारी गई ।
३. बक्से से आध्यात्मिक उपचार कैसे करें ?
३.१ बक्सा–उपचार पद्धति के लिए क्या आवश्यक है?
बक्सों की संख्या : सामान्यतः उपचार करने के लिए १ से ४ बक्सों की आवश्यकता होगी तथा विशिष्ट प्रसंगों में हमने १२ बक्सों का भी उपयोग किया ।
बक्से की सामग्री : जब ठोस आकार की बात आती है, तब वस्तु किस पदार्थ से बनी है, यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है । परंतु रिक्त आकारों के विषय में, बक्से किस पदार्थ से बने हैं, यह महत्त्वपूर्ण नहीं होता है । इसीलिए प.पू.डॉक्टर आठवलेजी ने हमें सहजता से उपलब्ध होनेवाले बक्सों का उपयोग करने का मार्गदर्शन किया । जबतक गत्ते के रिक्त बक्से स्वच्छ और सुव्यवस्थित हो, तबतक वे उपचारों के लिए सुयोग्य हैं ।
रिक्त आकार के प्रकार :
त्रिकोण के आकार का बक्सा इच्छा शक्ति से संबंधित होता है । इसलिए अनिष्ट शक्तियों के आक्रमण करने की संभावना अधिक होती है इसीलिए इसका उपयोग करने का सुझाव नहीं दिया जाता ।
अ. सर्वसामान्य व्यक्तियों के लिए वर्गाकार (square) अथवा आयाताकार (rectangular) बक्से का उपयोग करने का सुझाव दिया जाता है । इसके स्पंदन क्रिया शक्ति से संबंधित होते है ।
आ. गोल आकार के बक्से ज्ञान शक्ति से संबंधित होते है और उनके स्पंदन सूक्ष्मतम और ईश्वर के निर्गुण स्वरूप से संबंधित होते हैं । केवल ५०% से अधिक आध्यात्मिक स्तर के व्यक्ति ही गोलाकार डिब्बे से उचित लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।
संबंधित लेख आध्यात्मिक स्तर देखें ।
३.२ बक्सों की सहायता से आध्यात्मिक उपचार कैसे करने चाहिए ?
प्रार्थना : प्रारंभ करने से पूर्व, ईश्वर से भावपूर्ण प्रार्थना करें कि इस रिक्त बक्से में जो चैतन्य है, वह जागृत होकर जो भी अनिष्ट शक्ति हो उसे खींच लें ।
अगरबत्ती के द्वारा शुद्धि : SSRF द्वारा निर्मित अगरबत्ती जला कर उसे बक्से में दक्षिणावर्त (clockwise) दिशा में घुमाने से, वहां ईश्वरीय तत्त्व जागृत होता है और बक्से की शुद्धि भी होती है ।
बक्से का स्थान :
अ. चार बक्से रिक्त भाग भीतर की ओर रखकर अपने चारों ओर रखें ।
१. केवल वह साधक जिसकी छठवीं इंद्रिय जागृत है अथवा जिसके पास सूक्ष्म–ज्ञान प्राप्त करने की क्षमता है, वही बता सकता है कि कष्ट की तीव्रता के अनुसार वास्तव में कितने बक्से आवश्यक हैं । वे यह भी बता सकते हैं कि किस तत्त्व (सगुण/निर्गुण) के लिए किस प्रकार के बक्से की आवश्यकता है, बक्सों की दिशा, शुद्धि के लिए कौन सी अगरबत्ती जलानी चाहिए आदि ।
२. अन्य लोग उपरोक्त जानकारी के बारे में अधिक विचार किए बिना बक्सों के उपचार कर सकते हैं । इन उपचारों में भले ही व्यक्ति को लाभ मिलने में विलंब हो, परंतु लाभ होगा ही इसके प्रति आश्वस्त रहिए ।
आ. बक्सों को व्यक्ति से ६ से १२ इंच की दूरी पर रखें । गत्ते के बक्से के उपचार में भाव का महत्व, इसके विषय में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इस खंड के अंत में दिए सूत्र देखें ।
इ. बक्से का रिक्त भाग भीतर की ओर कर अथवा बाहर की ओर करके रखा जा सकता है । जब बक्से का रिक्त भाग व्यक्ति की ओर होता है, तब उपचार प्रकट अर्थात सगुण स्तर पर होते हैं तथा जब बक्से का रिक्त भाग बाहर की ओर रहता है,तब उपचार अधिक अप्रकट अर्थात निर्गुण स्तर पर होते हैं । सूक्ष्म अनिष्ट शक्ति का आक्रमण सगुण स्तर पर है अथवा निर्गुण स्तर पर, इस पर बक्से कैसे रखने चाहिए, यह निर्भर रहता है । यदि हमें यह पता नहीं है कि उपचार के लिए उस समय सगुण अथवा निर्गुण कौन सा स्तर आवश्यक है, तब हम कौन सा स्तर अधिक प्रभावशाली है, यह देखने के लिए दोनों स्तर पर प्रयोग करके देख सकते हैं ।
ई. इस प्रभावशाली उपचार पद्धति का लाभ उठाने के लिए निम्नांकित संयोजन (combination) दर्शाए हैं ।
उ. तीव्र आध्यात्मिक कष्ट में, व्यक्ति छोटे बक्से (जैसे माचिस के बक्से) चक्रों पर भी लगा सकता है । उदा. छाती में वेदना होने पर एक व्यक्ति के अनाहत चक्र पर (हृदय चक्र पर) बक्सा रखने पर ३० मिनटों में वह स्वस्थ हुआ । कोई भी व्यक्ति इसका प्रयोग करके देख सकता है कि उन्हें निर्गुण अथवा सगुण बक्सों में से किससे अधिक अच्छा प्रतीत होता है।
निम्नांकित चित्रों द्वारा हमने अनेक प्रकार से बक्से कैसे रखे जा सकते हैं, इसके उदाहरण दर्शाए हैं ।
नामजप और प्रार्थना : आध्यात्मिक उपचार करते समय अपने धर्म के अनुसार नामजप करें । काली कष्टदायक शक्ति निकल जाने के लिए और उपचार अधिक प्रभावी होने के लिए रह-रहकर प्रार्थना भी कर सकते हैं । आप आवश्यकता के अनुसार उपचार चालू रख सकते हैं ।
भाव का महत्त्व : जब व्यक्ति में भाव होता है, तब उपचार अधिक प्रभावशील होते है । बक्से का आकार, उसकी दूरी, उसकी लंबाई-चौडाई-गहराई आदि का उतना महत्त्व नहीं होता । कारण जिस व्यक्ति में भाव होता है उसे किसी भी बक्से से लाभ होता है । जब आध्यात्मिक उपचार भावपूर्ण किए जाते हैं, तब किसी भी बक्से के माध्यम से १५-३० मिनटों में उपचार होकर राहत मिलती है । अधिक जानकारी हेतु, कृपया हमारा भाव लेख पढें ।
४. यह उपचार कब करना चाहिए ?
निम्नांकित स्थितियों में जब हमें कष्ट हो रहा हो, तब हम किसी भी समय ये उपचार कर सकते हैं ।
- सुस्ती
- तत्परता में कमी
- सोचने में अक्षमता
- अत्यधिक विचार विशेषरूप से नकारात्मक
- क्रोध अथवा अन्य कोई तीव्र भावना
- तनाव
- किसी भी प्रकार का शारीरिक कष्ट
- चक्रों के आसपास वेदना अथवा बैचेनी
इस प्रकार की समस्याएं हमें शारीरिक, मानसिक अथवा आध्यात्मिक रूप से दुर्बल बनाती हैं । अनिष्ट शक्तियां इस स्थिति का लाभ उठाती हैं और हम पर काला आवरण डाल देती हैं । गत्ते के बक्से के उपचार आदि आध्यात्मिक उपचार करने से ये लक्षण न्यून होते हैं और यह सुनिश्चित होता है कि हमारी बहुमूल्य साधना इन आक्रमणों का प्रभाव समाप्त करने में ही व्यर्थ नहीं हो रही । अनिष्ट शक्ति के प्रभाव न्यून करने के लिए हम किसी अन्य समय भी हमारे चारों ओर बक्से रख सकते हैं । ये बक्से नामजप करते समय, कहीं बैठत समय, संगणक पर काम करते समय, सोते समय आदि के समय भी रख सकते हैं ।