पाठकों के लिए महत्त्वपूर्ण टिप्पणी : इस लेख को अच्छे से समझने हेतु, कृपया हमारा लेख : सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित चित्र क्या है ? पढें ।
इस लेख में, हमने सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित चित्र के माध्यम से भारतीय गाय के दूध द्वारा आकर्षित और प्रक्षेपित सूक्ष्म स्तरीय तरंगों का वर्णन किया है । यह चित्र पू. (श्रीमती) योया वाले ने बनाया है, जिन्हें दृष्टि से संबंधित प्रगत छठवीं इंद्रिय प्राप्त है । चित्र को प.पू.डॉ.आठवलेजी ने सत्यापित और प्रमाणित किया है । सूक्ष्म-ज्ञान पर आधारित इस चित्र को प्रगत छठवीं इंद्रिय द्वारा जांचने पर इसकी सत्यता ८० प्रतिशत पाई गई ।
सूक्ष्म ज्ञान पर आधारित चित्र में भिन्न भिन्न तत्त्वों को दर्शाने हेतु हमने भिन्न भिन्न रंगों का प्रयोग किया है; क्योंकि ये रंग आध्यात्मिक तरंगों (waves) के रंग से मिलते जुलते हैं । उदा. के लिए, जब हम चैतन्य की आध्यात्मिक तरंगों को प्रगत छठवीं इंद्रिय (सूक्ष्म-दृष्टि) के माध्यम से देखते हैं, तो उसका रंग पीला होता है । तदनुसार हमने चैतन्य से संबंधित सूत्रों को दर्शाने के लिए पीले रंग का प्रयोग किया है ।
आध्यात्मिक शोध द्वारा प्राप्त गाय के दूध की निम्नलिखित कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं ।
- भारतीय मूल की गायों का दूध सर्वोत्तम सात्त्विक पेयों में से एक है । अन्य देशों की गायों के दूध की सात्त्विकता भारतीय मूल की गायों के दूध की तुलना में ५० प्रतिशत तक अल्प होती है । इस दूध में चैतन्य को आकर्षित और शक्ति की सूक्ष्म-तरंगों को प्रक्षेपित करने की क्षमता होती है ।
- फलस्वरूप जब हम भारतीय मूल की गायों के दूध पीते हैं तो हमारे शरीर की कोशिकाएं इस दूध में विद्यमान सात्त्विकता से संचारित (charge) हो जाती हैं ।
- संस्कृत में एक श्लोक है – आहार शुद्धो सत्व शुद्धो, जिसका अर्थ है, जैसा आहार, वैसे विचार । अतएव सात्त्विक भोजन और पेय ग्रहण करने से, संपूर्ण शरीर की शुद्धि हो जाती है । जिससे हमारे विचारों में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं । सात्त्विक विचार व्यक्ति को केवल धर्माचरण हेतु प्रेरित करते हैं ।
- अन्य किसी भी पशु के दूध की तुलना में भारतीय मूल की गाय का दूध अधिक सात्त्विक होता है ।