आपातकालीन सुरक्षा (जीवन रक्षक मार्गदर्शिका) – तृतीय विश्वयुद्ध की स्थिति में भोजन बनाने हेतु वैकल्पिक पद्धतियां

सारांश : मिट्टी के चूल्हे जैसे विभिन्न प्रकार के चूल्हों की सहायता से भोजन बनाने की वैकल्पिक पद्धतियां सीखें और तृतीय विश्वयुद्ध एवं अन्य आपातकालीन स्थितियों में जीवित रहने की तैयारी करें।

तृतीय विश्वयुद्ध की स्थिति में भोजन बनाने हेतु वैकल्पिक पद्धतियां

विषय सूची

१. प्रस्तावना

आगामी संकटकाल से निपटने की तैयारी करने हेतु हमारे लेखों की श्रृंखलाओं में यह एक नया लेख है । आध्यात्मिक शोध से हमें ज्ञात हुआ है कि वर्ष २०२० से २०२५ की अवधि में तथा इस अवधि के उपरांत न्यूनतम ३ वर्षों तक, विश्व को युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं के भीषण प्रतिकूल काल का सामना करना पडेगा । इस अवधि के दौरान, बिजली और गैस की आपूर्ति बाधित हो सकती है और हो सकता है उस समय उस पारंपरिक भोजन बनाने की पद्धति जिस पर हम निर्भर रहते आए हैं, उसका उपयोग न कर पाएं । यह लेख भोजन बनाने की उन वैकल्पिक पद्धतियों एवं भोजन बनाने के लिए उन विविध प्रकार के चूल्हों जैसे मिट्टी का चूल्हा तथा अन्य आपातकालीन भट्ठियों के विषय में जानकारी प्रदान करता है, जिसका विचार हमें इन कठिन परिस्थितियों का सामना करने की पूर्व तैयारी करने हेतु करना चाहिए । सूचीबद्ध विकल्प केवल एक सामान्य मार्गदर्शिका के रूप में दिए गए हैं और वे परिपूर्ण नहीं हैं । अतः आप भोजन बनाने की उन अतिरिक्त पद्धतियों एवं वैकल्पिक चूल्हे पर विचार कर सकते हैं जो आपके रहने के स्थान के लिए सुलभ, उपयुक्त एवं अनुकूल हो । अभी से तैयारी करना हमारे लिए महत्वपूर्ण है, भोजन बनाने के वैकल्पिक उपकरणों को स्थापित करना आरंभ कर उसका अभ्यास करें जिससे वास्तविक आपातकाल के समय आप सहजता से उनका उपयोग कर पाएं । इन पद्धतियों का एक लाभ यह भी है कि ये ऊर्जा-कुशल एवं कम खर्चीले हो सकते हैं । इस लेख को लिखने का उद्देश्य भय निर्माण करना नहीं, अपितु आपको तैयारी करने में सहायता करना है जिससे प्रतिकूल समय आने पर कठिनाइयों को टाला जा सके।

२. केवल घर के बाहर वैकल्पिक भोजन बनाने की पद्धतियां

आप जिस घर में रहते हैं उसमें आंगन, खुला स्थान अथवा एक अच्छे हवादार स्थान का यदि उपयोग कर सकते हैं, तब आप आगे दी गई भोजन बनाने की वैकल्पिक पद्धतियों पर विचार कर सकते हैं ।

२ अ. एक पारंपरिक चूल्हे अथवा भट्ठी बनाने अथवा खरीदने की व्यवस्था करें

पारंपरिक भारतीय चूल्हापारंपरिक भारतीय चूल्हा

विभिन्न प्रकार की मिट्टी अथवा चिकनी मिट्टी के पारंपरिक चूल्हे होते हैं जिन्हें बनाया अथवा खरीदा जा सकता है ।  मुख्य रूप से इन्हें घर के बाहर उपयोग किया जा सकता है, किंतु यदि आप ग्रामीण आवास में रहते हैं अथवा ऐसे पारंपरिक घर में जहां धुआं निकलने का द्वार है जैसे कि चिमनी , तो उन्हें घर के भीतर भी प्रयोग किया जा सकता है । यदि आपके क्षेत्र का मौसम अथवा घर का वातावरण अनुकूल है, तो आप पारंपरिक भारतीय  चूल्हा जिसे लकडी तथा गाय के गोबर के उपले जैसे प्राकृतिक ईंधन से जलाया जाता है, उसे प्रयोग में लाने का विचार कर सकते हैं । घर में धुआं न हो, इस हेतु ‘कम-धुएं’ वाला चूल्हा खरीदने पर विचार करें ।

२ आ. कच्चे लोहे का चूल्हा

यद्यपि घर में आपके पास चूल्हा अथवा भट्ठी नहीं है, तो सीमेंट अथवा कच्चे लोहे से निर्मित चूल्हा खरीदें तथा आपातकालीन भोजन बनाने हेतु उसे घर में तैयार रखें ।

कच्चे लोहे का चूल्हाकच्चे लोहे का चूल्हा

कच्चे लोहे का चूल्हाकच्चे लोहे का चूल्हा

धातु का चूल्हाधातु का चूल्हा

कुछ उत्पादक विभिन्न प्रकार के चूल्हे बनाते हैं जिनमें अल्प ईंधन प्रयोग होता है, कम धुआं होता है तथा वे स्वच्छ होते हैं और सरलता से उन्हें एक से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है । कुछ चूल्हे में धुएं को चिमनी की दिशा में मोडने का विकल्प होता है । आप ऐसे विकल्पों का अध्ययन कर सकते हैं तथा अपनी आवश्यकता एवं चूल्हे की उपलब्धता के अनुसार उन्हें खरीद सकते हैं ।

२ इ. ईंट से चूल्हा बनाना

ईंटों को एकसाथ जोडकर बनाए गए चूल्हे पर भोजन बनाना ईंटों को एकसाथ जोडकर बनाए गए चूल्हे पर भोजन बनाना

पत्थरों को साथ जोडकर बनाए गए चूल्हे पर भोजन बनाना पत्थरों को साथ जोडकर बनाए गए चूल्हे पर भोजन बनाना 

परिस्थितियों एवं आपके पास उपलब्ध समय के अनुसार, आप भी एक चूल्हे के रूप में कुछ ईंटें अथवा बडे पत्थरों को एक विशिष्ट क्रम में जोडकर अथवा उन्हें इस प्रकार चूल्हे के रूप में व्यवस्थित कर आपातकाल के समय उससे एक चूल्हा बना सकते हैं ।

२ ई. पारंपरिक लकडी, प्रोपेन अथवा चारकोलईंधन वाली बारबेक्यू जाली (ग्रिल)

  भोजन बनाने के लिए धातु की जाली

 भोजन बनाने के लिए धातु की जाली

 भोजन बनाने के लिए धातु की जाली

पारंपरिक लकडी, प्रोपेन अथवा चारकोल-ईंधन वाली बारबेक्यू जाली (भोजन बनाने हेतु) एक अन्य प्रकार की सतह पर रखी जाने वाली जाली (कुकटोप) है; गैस अथवा बिजली के अभाव में भोजन बनाने हेतु जिसका उपयोग किया जा सकता है ।

२ उ. वॉल्कैनो स्टोव

वॉल्कैनो स्टोववॉल्कैनो स्टोव

बाजार में नए प्रकार के चूल्हे भी उपलब्ध हैं, जैसे वॉल्कैनो स्टोव, जो वहनीय (पोर्टेबल) होता है और इसमें तीनों ईंधन अर्थात लकडी, प्रोपेन और चारकोल उपयोग कर सकते हैं ।

२ ऊ. सौर ओवन एवं कुकर

इस प्रकार के कुकर भोजन बनाने हेतु धूप से उत्पन्न ताप को केंद्रित अथवा ग्रहण करते हैं । विभिन्न प्रकार के सौर कुकर होते हैं, जैसे :

सौर बॉक्स कुकरसौर बॉक्स कुकर

  • बॉक्स कुकर – यह कांच अथवा प्लास्टिक के परत से ढंकी हुई एक विद्युत रोधक पेटी होती है । यह कुकर भोजन को धीरे धीरे तथा समान रूप से पका हुआ बनाने हेतु धूप (सूर्य के प्रकाश) से ग्रहण हुए ताप का उपयोग करता है ।

परवलयिक (घुमावदार/वक्र सांद्रक) कुकरपरवलयिक (घुमावदार/वक्र सांद्रक) कुकर

  • परवलयिक (पैराबोलिक) (कर्व्ड कॉन्संट्रेटर) कुकर – इसमें एक परावर्तक सूर्य के प्रकाश को एक छोटे से क्षेत्र में केंद्रित करता है जहां भोजन शीघ्रता से पकाया जा सकता है ।
  • पैनल कुकर – इसमें परावर्तक पैनल एक दूसरे बर्तन अथवा ऊष्मा रोधक थैले से ढंके भोजन बनाने के बर्तन में सूर्य के प्रकाश को केंद्रित करते हैं ।

व्यावसायिक रूप से विभिन्न प्रकार के सोलर कूकर खरीद के लिए उपलब्ध हैं । सामान्य धातु जैसे कांच, एल्युमीनियम फॉयल (पत्ती) एवं कार्डबोर्ड (गत्ते) से घर के बने सौर कूकर को बनाने की जानकारी भी ऑनलाइन उपलब्ध है । आदर्श रूप में, यदि संभव है तो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कुकर खरीदना अच्छा होगा ।

२ ए. प्रोपेन ईधन वाले चूल्हे एवं भट्ठियां

प्रोपेन ईधन वाले चूल्हे एवं भट्ठियांप्रोपेन ईधन वाले चूल्हे एवं भट्ठियां

प्रोपेन ईंधन वाले चूल्हे एक ऐसा चूल्हा है, जिसका बिजली एवं गैस के अभाव में उपयोग किया जा सकता है । अधिकांश प्रकरणों में, प्रोपेन ईंधन वाले चूल्हे घर के बाहर प्रयोग किए जाते हैं, क्योंकि वे बहुत मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड अथवा धुंआ उत्पन्न करते हैं । किंतु, ऐसी संभावना है कि तृतीय विश्वयुद्ध के समय प्रोपेन उपलब्ध न हो ।

यद्यपि, आपके देश अथवा क्षेत्र में प्रोपेन ईंधन वाले भोजन बनाने के ऐसे उपकरण हों जो घर के भीतर उपयोग हेतु प्रमाणित हों जैसे कि जिसमें घर के बाहर स्थापित एक प्रोपेन टंकी से घर में प्रोपेन की भट्ठी को ईंधन उपलब्ध होता है । इनमें से कुछ चूल्हों की संरचना विशेषरूप से बिजली की अनुपलब्धता को देखकर बनाई जाती है तथा ये बैटरी की चिनगारी अथवा गैस पायलट प्रज्वलन के माध्यम से कार्य करते हैं ।

२ ऐ. खुली अग्नि

 खुली अग्नि पर भोजन बनाना

खुली अग्नि पर भोजन बनाना

खुली अग्नि पर भोजन बनानाखुली अग्नि पर भोजन बनाना

खुली अग्नि पर भोजन बनाना घर के बाहर भोजन बनाने का एक अन्य विकल्प है । यद्यपि भोजन बनाने की यह वेकल्पिक पद्धति सरल एवं सहज लग सकती है, किंतु इसमें कुछ ऐसे सुरक्षा निर्देश हैं, जिनका पालन आपको यह सुनिश्चित करने हेतु करना चाहिए कि क्या खुली अग्नि प्रभावी रहेगी तथा सुरक्षित रूप से जल सकेगी

  • यह सुनिश्चित करने हेतु कि आग अच्छी तरह जले और उससे अधिक धुंआ पैदा न हो, इस लिए सूखी लकडी का उपयोग करे
  • अग्नि को किसी चट्टान पर जलाने का विचार करें, अथवा कम से कम किसी बंजर खनिज मिट्टी अथवा रेत पर जलाएं ।
  • जंगल की आग का संकट रोकने के लिए आग को हवा से बचाकर रखें ।
    • भोजन पकाने हेतु खुली अग्नि की व्यवस्था सुरक्षित रूप से कैसे करें, इस विषय पर दिशानिर्देश करनेवाली अनेक ऑनलाइन मार्गदर्शिकाएं उपलब्ध हैं
    • यदि आप भोजन पकाने के इस वैकल्पिक पद्धति का उपयोग करते हैं, तो यह सुनिश्चित कर लें कि आप खुली अग्नि  पर भोजन पकाने के लिए बनाने के उपयुक्त बर्तन जैसे कि कैंप डच ओवन एवं अग्नि रखी जाने वाली जाली का तो उपयोग करते हैं ।

२ ओ. ईंट अथवा मिट्टी का चूल्हा / भट्ठी

 

मिट्टी का चूल्हा / भट्ठीमिट्टी का चूल्हा / भट्ठी

यह उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जिनके पास इसे बनाने के लिए उपकरण और संसाधन उपलब्ध हैं । इस प्रकार के चूल्हे बनाने के दिशा निर्देश इंटरनेट पर देखे जा सकते हैं । बने बनाए चूल्हे तथा इसे बनाने का सामान भी बाजार से खरीदा जा सकता है ।

ज्वलनशील (शीघ्र जलने वाली) लकडी ईंट का चूल्हाज्वलनशील (शीघ्र जलने वाली) लकडी ईंट का चूल्हा

२ औ. बुटान/ब्यूटेन चूल्हे

बुटान/ब्यूटेन चूल्हेबुटान/ब्यूटेन चूल्हे

विभिन्न प्रकार के चूल्हों में, ब्यूटेन ईंधन के डिब्बों द्वारा संचालित ब्यूटेन चूल्हे भी उनकी सुवाह्यता (सहज में ले जाने योग्य गुण) और संचालन में सरलता के कारण अल्पकालिक बिजली जाने के दौरान घर के बाहर भोजन पकाने का एक अच्छा विकल्प हो सकता है ।

. घर में वैकल्पिक पद्धति से भोजन बनाने के विकल्प (भूतल/उपयुक्त हवादार क्षेत्रों के लिए)

आगे दी गई भोजन बनाने की वैकल्पिक पद्धतियां भूतल (अथवा अन्य उपयुक्त हवादार क्षेत्र) पर प्रयोग में लाने हेतु उपयुक्त हैं :

३ अ. घर में लकडी से जलने वाली चिमनी/भट्ठी

भट्ठी/चूल्हे पर रखने तथा घर के भीतर भोजन बनाने के लिए बर्तन भट्ठी/चूल्हे पर रखने तथा घर के भीतर भोजन बनाने के लिए बर्तन

भोजन बनाने के लिए आपात स्थिति के समय घर के भीतर बनाए चूल्हे का उपयोग किया जा सकता है । ऑनलाइन अनेक मार्गदर्शिकाएं उपलब्ध हैं जो भोजन बनाने हेतु घर में बनाए चूल्हे का उपयोग करने की विविध पद्धतियों का वर्णन करती हैं ।

भोजन बनाने हेतु अग्नि रखने का पात्र/चूल्हाभोजन बनाने हेतु अग्नि रखने का पात्र/चूल्हा

बाजार में अग्नि रखने के पात्र और विभिन्न प्रकार के चूल्हे भी उपलब्ध हैं जो विशेष रूप से अग्नि को रखकर उस पर भोजन बनाने के लिए बनाए गए हैं ।

३ आ. लकडी से जलने वाले चूल्हे

गैस एवं बिजली अनुपलब्ध होने पर भोजन बनाने के लिए लकडी से जलने वाले चूल्हे भी अच्छे विकल्प हैं ।

लकडी से जलने वाले चूल्हेलकडी से जलने वाले चूल्हे

लकडी से जलने वाले चूल्हेलकडी से जलने वाले चूल्हे

. घर के भीतर भोजन बनाने की वैकल्पिक व्यवस्थाएं (उन लोगों के लिए जो कम हवादार अपार्टमेंट अथवा घरों में रहते हैं)

धुएं और कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता के संकट के कारण, अपार्टमेंट में तथा कम हवादार घरों में रहने वाले लोगों के लिए घर के भीतर भोजन बनाने के विकल्प अधिक सीमित होते हैं ।

४ अ. इंडक्शन चूल्हा

 

घर के भीतर भोजन बनाने हेतु इंडक्शन चूल्हा

घर के भीतर भोजन बनाने हेतु इंडक्शन चूल्हा घर के भीतर भोजन बनाने हेतु इंडक्शन चूल्हा

यदि आपके पास सौर ऊर्जा की सुविधा है, तो आप एक इंडक्शन चूल्हे का विकल्प चुन सकते हैं जो सौर ऊर्जा से चलता है । इंडक्शन आधार(बेस) के साथ भोजन बनाने के विशेष बर्तन उपलब्ध होते हैं जो इंडक्शन चूल्हे के अनुकूल होते हैं । ये बर्तन इस प्रकार के चूल्हे पर भोजन बनाने के लिए आवश्यक होते हैं; क्योंकि इस पर हम सामान्य बर्तन से भोजन नहीं बना सकते । इसलिए, आप इस प्रकार के बर्तन खरीद सकते हैं और आपातकाल के समय भोजन बनाने हेतु इन्हें तैयार रख सकते हैं ।

४ आ. बायोगैस संयंत्र 

बायोगैस संयंत्र बायोगैस संयंत्र

यदि आपके पास जैव अपशिष्ट (बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट) अधिक मात्रा में उपलब्ध है, तो आप बायोगैस प्लांट लगाने पर विचार कर सकते हैं । यदि आप मवेशी (गाय, भैंस इत्यादि) पाल रहे हैं, तो आप एक बायोगैस संयंत्र लगा सकते हैं । इसमें बायोगैस उत्पन्न करने के लिए गाय के गोबर का उपयोग होता है । कुछ राज्यों में, सरकार बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए सब्सिडी (विशेष छूट) देती है अथवा पूरी राशि का भुगतान करती है । यदि संभव हो तो एक छोटा बायोगैस संयंत्र स्थापित करने पर विचार करें जो किसी भी जैविक कचरे अथवा खाद्य अपशिष्ट जिसमें सडे हुए खाद्य पदार्थ जैसे कि सडे हुए ब्रेड, फल, सब्जियां आदि सम्मिलित हैं, इन पर काम कर सकता है । इससे भोजन बनाने हेतु आवश्यक गैस का पर्याप्त एवं तत्काल उत्पादन हो सकता है । यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बायोगैस जलाने वाले चूल्हे तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) जलाने वाले सामान्य चूल्हे से भिन्न होते हैं ।

४ इ. स्टर्नो

 

घर के भीतर आपातकालीन भोजन बनाने का एक ईंधन है स्टर्नो (एक इथेनॉल आधारित जेल) । स्टर्नो के उपयोग का लाभ यह है कि यह घर के भीतर उपयोग और संग्रह करने के लिए अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित है । स्टर्नो चूल्हे खरीद के लिए उपलब्ध हैं, जैसे स्टर्नो के डिस्पोजेबल (प्रयोग के उपरांत फेंके जाने वाले) डिब्बे जो ७ ऑउंस के डिब्बे के साथ आते हैं तथा दो घंटे तक भोजन पकाने के लिए अग्नि प्रदान करते हैं ।

उन वस्तुओं को भी रखने पर विचार करें जो लंबे समय तक चलती हैं और जिनमें भोजन पकाने की आवश्यकता न्यूनतम हो, जैसे अनाज, ग्रेनोला बार, डिब्बाबंद सूप, सब्जियां और फल ।

. आपात स्थिति में भोजन बनाने के लिए अन्य उपयोगी सुझाव

यह सुनिश्चित करने हेतु कि आप एक संभावित संकटकाल के लिए तैयार हैं, इसके लिए अपनी चुनी हुई आपातकालीन भोजन बनाने की पद्धतियों का उपयोग करके पहले से ही अभ्यास करें ।

५अ. यह सुनिश्चित करें कि आपके पास पर्याप्त मात्रा में भोजन बनाने के ऐसे ईंधन, पतीले और बर्तन उपलब्ध तो हैं, जो आपके चुने हुए आपातकालीन भोजन बनाने की पद्धति के अनुकूल हों । उदाहरण के लिए, आगे दी गई वस्तुएं हम आवश्यक मात्रा में संग्रहित कर सकते हैं, वे इस प्रकार हैं – सूखी लकडी, कोयला, गाय के उपले (सूखा गोबर), बायोमास ब्रिकेट (ईंट), चावल की भूसी, बुरादा (लकडी का बुरादा),  मूंगफली के छिलके, सूरजमुखी के सूखे पुष्प अथवा सूरजमुखी के बीज की भूसी इत्यादि हम संग्रहित कर सकते हैं । बायोमास ब्रिकेट बडे शहरों में दुकानों में उपलब्ध हैं और उन्हें ऑनलाइन ऑर्डर करके भी खरीदा जा सकता है ।

५आ. चूल्हे के प्रकार का चयन करना जितना प्राथमिक है, उतना ही महत्वपूर्ण इसके साथ जलाने की लकडी की व्यवस्था और उसका भंडारण करना है, अन्यथा हमें जलाऊ लकडी के अभाव का सामना करना पड सकता है । किसी विशेष अवधि का सामना करने हेतु एक निश्चित मात्रा का अध्ययन करना आवश्यक है । इस संबंध में, ईंधन के छर्रे (कोयले/ब्रिकेट्स) अधिक उपयोगी हो सकते हैं क्योंकि उनमें जलाने की लकडी की तुलना में उच्च तापजनक (अधिक ऊष्मा और अल्प प्रकाश) होता है; इसके अतिरिक्त, चूंकि उन्हें आपकी आवश्यकता के आकार में खरीदा अथवा बनाया जा सकता है, इस प्रकार उनका अधिक भंडारण भी होगा, और साथ ही यह स्थान भी कम घेरेगा ।

५इ. पारंपरिक मिट्टी के चूल्हे को कैसे जलाया जाता है और प्रतिदिन इसे कैसे स्वच्छ किया जाता है, यह सब सीखकर रखें । यदि संभव हो, तो दिन में एक बार आप पारंपरिक चूल्हे पर भोजन बनाना आरंभ कर सकते हैं । इससे आपको व्यावहारिक रूप से यह समझने में सहायता होगी कि इसे कैसे चलाना है, क्या क्या सावधानियां बरतनी हैं, भोजन बनाने में लगने वाला आवश्यक समय इत्यादि ।

५ई. बिजली पर निर्भर रहने वाले आधुनिक उपकरणों के बिना भोजन बनाने का अभ्यास करें । उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रिक ग्राइंडर (बिजली से चलने वाली चक्की) के स्थान पर पारंपरिक ओखली और मूसल का उपयोग करें । भोजन बनाने के अन्य प्रयोजन जैसे अनाज पीसने और आटा गूंथने इत्यादि के लिए पारंपरिक बर्तनों के उपयोग करनेका अभ्यास करें ।

ओखली और मूसलओखली और मूसल

खलबट्टा पिसाई के लिए पारंपरिक उपकरणखलबट्टा पिसाई के लिए पारंपरिक उपकरण

सिलबट्टा भोजन बनाने के लिए पारंपरिक उपकरणसिलबट्टा भोजन बनाने के लिए पारंपरिक उपकरण

पिसाई की पारंपरिक पद्धतिपिसाई की पारंपरिक पद्धति

पिसाई की पारंपरिक पद्धतिपिसाई की पारंपरिक पद्धति

५उ. रसोई की सिल्ली (स्लैब)के बिना भोजन बनाने का अभ्यास करें ।

रसोई की सिल्ली (स्लैब) के बिना भोजन बनानारसोई की सिल्ली (स्लैब) के बिना भोजन बनाना

रसोई की सिल्ली (स्लैब) के बिना भोजन बनानारसोई की सिल्ली (स्लैब) के बिना भोजन बनाना

रसोई की सिल्ली (स्लैब) के बिना भोजन बनानारसोई की सिल्ली (स्लैब) के बिना भोजन बनाना

५ऊ. आपातकाल के दौरान उपयोग के लिए कुछ माह अथवा एक वर्ष तक चलनेवाले) डिब्बाबंद सामान (स्थान और क्षमता की उपलब्धता के आधार पर), दालों और अनाज का भंडारण करें । ये प्रयोजन उस समय उपयोगी होंगे जब भोजन अथवा भोजन बनाने की सामग्री का अभाव होगा । आप जल ऊष्मक (वाटर बाथ) अथवा प्रेशर कुकर डिब्बाबंद विधि (भोजन को डिब्बाबंद रखने की विधि) का उपयोग करके ताजे फल और सब्जियों को घर पर डिब्बाबंद करके रखने का भी प्रयास कर सकते हैं । यदि आप घर पर भोजन को डिब्बाबंद रखने में नए हैं, तो खाद्य संरक्षण के किसी आधिकारिक स्रोत से परामर्श लें, जैसे कि घर पर सुरक्षित रूप से भोजन को डिब्बाबंद कैसे कर सकते हैं, इस पर जानकारी के लिए नेशनल सेंटर फॉर होम फूड प्रिजर्वेशन (गृह खाद्य संरक्षण के लिए राष्ट्रीय केंद्र) से जानकारी ले सकते हैं ।

५ए. आपातकालीन खाद्य आपूर्ति कंपनियां फ्रीज- में रखे जाने वाले सूखे भोजन, आपातकालीन खाद्य राशन बार और खाने के लिए तैयार भोजन बेचती हैं, जिन्हें आप कुछ वर्षों तक घर पर सुरक्षित रूप से संग्रहित कर सकते हैं ।

५ऐ. आप जहां रहते हैं यदि वहां पर्याप्त मात्रा में धूप आती है, तो आप भोजन बनाने हेतु वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में अपने घर अथवा अपार्टमेंट की छत पर सौर पैनल स्थापित करने का प्रयास कर सकते हैं ।

५ओ. भोजन बनाने के लिए केवल एक वैकल्पिक विधि को चुनना पर्याप्त नहीं भी हो सकता । भोजन बनाने की किसी एक विधि के विफल हो जाने पर, भोजन बनाने की एक से अधिक वैकल्पिक प्रणालियां महत्त्वपूर्ण साबित होंगी । हम दो अथवा दो से अधिक प्रणालियों पर विचार करने का सुझाव देते हैं । इस लेख में वर्णित प्रणालियों में से, लकडी से जलने वाले पारंपरिक चूल्हे सबसे अच्छे विकल्पों में से एक हैं क्योंकि जब तक सूखी लकडी उपलब्ध है, तब तक वे किसी भी अन्य कारक के स्वतंत्र रूप से काम करते हैं । यदि लकडी उपलब्ध नहीं है, तो वह विकल्प चुनें जो आपके लिए सर्वाधिक संभव हो ।

५औ. जैसा कि वर्ष २०२० से २०२५ के मध्य की अवधि प्रतिकूल परिस्थितियों से भरी होगी, इसलिए आनेवाले वर्षों में स्थिति को पुनः सामान्य अवस्था में लाने में कुछ समय लग सकता है । इसलिए, हम स्वयं अपने को इस तरह से तैयार करने के विषय में विचार कर सकते हैं, जिससे हम इस अवधि को पार कर सकें और हमारे पास भोजन तैयार करने के लिए आवश्यक विकल्प उपलब्ध हों क्योंकि भोजन जीवन की मूलभूत आवश्यकता है ।

६. निष्कर्ष

  • भोजन बनाने की इन वैकल्पिक प्रणालियों को प्रयोग में लाने से आपको आपात स्थिति हेतु तैयार रहने में सहायता मिलेगी । इन प्रणालियों को अपने दैनिक भोजन बनाने की दिनचर्या में सम्मिलित करने से प्रतिकूल समय आने पर हमें भोजन बनाने की पारंपरिक पद्धति (जिसके अभी अभ्यस्त हैं) से भोजन बनाने की इन वैकल्पिक पद्धतियों को सुचारु रूप से अपनाने में सहायता प्राप्त होगी ।
  • विभिन्न प्रकार के जीवन रक्षक (आपातकालीन) चूल्हों के साथ आपातकालीन भोजन बनाने की पद्धतियों का अभ्यास करने से, आप यह देखने में सक्षम होंगे कि क्या क्या काम कर रहा है, आपको किन समस्याओं का सामना करना पडता है और उनके वैकल्पिक समाधान क्या हैं ।
  • इसके साथ ही, आप यह भी देख पाएंगे कि यदि आपको सुचारु रूप से भोजन बनाने हेतु किसी अतिरिक्त उपकरण की आवश्यकता है, तो आप इसे पहले से ही खरीद पाएं ।