Case Studies
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अबाध प्रेम, निरपेक्ष आध्यात्मिक प्रेम (प्रीति)
सामान्यत: जब कोई किसी से प्रेम करता है तो उस प्रेम से कोई अपेक्षा जुडी रहती है । किन्तु आध्यात्मिक प्रीति बिना किसी निर्बन्ध के रहती है, चाहे परिस्थिति कुछ भी हो । प्रेम का यह दैवी रूप लंबे समय तक साधना करने के उपरांत तब उत्पन्न होता है जब प्रत्येक व्यक्ति में ईश्वर की … अबाध प्रेम, निरपेक्ष आध्यात्मिक प्रेम (प्रीति) को पढ़ना जारी रखें