Research
- शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति के लिए आध्यात्मिक सिद्धांत
- साधना के लाभ
- प्रार्थना
- मंत्र
- साधना के चरण
- साधना में बाधाएं
- आध्यात्मिक उन्नति
- अनुभूतियां
- ज्ञानोदय (संत और गुरु)
- आध्यात्मिक पथ (मार्ग)
Case Studies
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भाव कैसे बढाएं
१. परिचय र्इश्वर हैं, इसका उत्कट भान ही भाव है । हमारी आध्यात्मिक यात्रा में र्इश्वर के प्रति अपना भाव बढाना एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है । क्योंकि जब हमें तीव्रता से र्इश्वर का भान होता है तब इससे र्इश्वर के प्रति दृढ भक्ति जागृत(निर्मित)होती है । जब हममें र्इश्वर के प्रति दृढ भक्ति होती है, तब … भाव कैसे बढाएं को पढ़ना जारी रखें
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अनिष्ट शक्ति से आविष्ट व्यक्ति पर एक संत का आध्यात्मिक प्रभाव
१. प्रयोग की पृष्ठभूमि लोग किस प्रकार एक दूसरे के साथ व्यवहार करते समय प्रभावित होते हैं, SSRF ने यह समझाने के लिए कई प्रयोग किए हैं । इन प्रयोगों का मुख्य उद्देश्य यह समझना है कि किस प्रकार आध्यात्मिक स्तर पर लोग एक दूसरे को प्रभावित कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप लोग शारीरिक एवं … अनिष्ट शक्ति से आविष्ट व्यक्ति पर एक संत का आध्यात्मिक प्रभाव को पढ़ना जारी रखें
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साधक को तत्वनिष्ठ होना चाहिए ना कि व्यक्तिनिष्ठ
१. प्रस्तावना तत्त्वनिष्ठ होने का अर्थ है आध्यात्मिक रूप से प्रगत लोगों द्वारा बताए गए आध्यात्मिक सिद्धांतों (र्इश्वरीय सिद्धांतों) का अनुसरण करना । २. स्थूल रूप में अटके न रहना अध्यात्म में, मोक्ष के मार्ग हेतु पथप्रदर्शन करना तथा चिरकालीन आनंद प्राप्ति में गुरु का महत्त्व अनन्य है । यह स्वभाविक है कि गुरु के मार्गदर्शन में … साधक को तत्वनिष्ठ होना चाहिए ना कि व्यक्तिनिष्ठ को पढ़ना जारी रखें
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SSRF द्वारा बताई गई अद्वितीय वैयक्तिक साधना
धरती पर जितने व्यक्ति है उतने ही ईश्वर प्राप्ति हेतु साधना मार्ग हैं I यह लेख शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति कैसे हो उसके लिए योग्य साधना हेतु साधना के महत्वपूर्ण चरणों पर प्रकाश डालता है I