शवपेटी (coffin) में मृत शरीर के साथ वस्तुएं रखने से क्या होता है ?
जिस प्रकार अनिष्ट शक्तियां मृत शरीर पर आक्रमण करती हैं, उसी प्रकार वे शवपेटी में रखी मृत व्यक्ति की प्रिय वस्तुओं पर भी आक्रमण करती हैं । इसमें मृत शरीर को पहनाए गए उनके प्रिय वस्त्र भी सम्मिलित हैं । सूक्ष्म स्तरीय-मांत्रिक उन वस्तुओं का उपयोग काला जादू करने हेतु कर सकते हैं । साथ ही उन वस्तुओं के प्रति मृत पूर्वज का पहले से ही लगाव रहता है इसलिए उनमें मृत पूर्वज की तरंगे अधिक होती हैं । जिससे उसका सूक्ष्म-शरीर आगे प्रस्थान करने की अपेक्षा उस शवपेटी की ओर पुनः-पुनः आकर्षित होता है और अंततः वह उस शवपेटी में ही रहने लगता है ।
पृथ्वी से जुड़े होने के कारण, मृत व्यक्ति का सूक्ष्म-शरीर कब्रिस्तान में विद्यमान अन्य तामसिक सूक्ष्म-शरीरों और अन्य अनिष्ट शक्तियों (भूत, प्रेत, पिशाच इत्यादि) का भक्ष्य (शिकार) बन जाता है । मृत व्यक्ति का सूक्ष्म-शरीर उनके नियंत्रण में चला जाता है तथा उनके दुष्कृत्यों का माध्यम बन जाता है । अतएव कोई भी विशेष वस्तु शवपेटी में भले ही अच्छे उद्देश्य से रखी जाए, वह मृत व्यक्ति के सूक्ष्म शरीर को हानि ही पहुंचाएगी । मृत पूर्वज का सूक्ष्म शरीर भूलोक से आगे जाने के स्थान पर उन प्रिय वस्तुओं में ही फंसकर रह जाएगा । यह सूक्ष्म-शरीर जितना अधिक पृथ्वी से जुडा रहेगा उतनी ही सरलता से अनिष्ट शक्ति उसे अपने नियंत्रण में कर लेगी और सूक्ष्म-शरीर को अत्यधिक कष्ट भोगने पडेंगे । अनिष्ट शक्तियों द्वारा फंसाए जाने के कारण वह जन्म-मृत्यु के चक्र में भी फंस जाएगा ।
इस कारण उचित यही होगा कि अन्य कोर्इ वस्तु उस शवपेटी में न रखी जाए, यहां तक कि फूल भी नहीं । दफनाते समय भी, अच्छा यही होगा कि मृत शरीर को श्वेत और साधारण वस्त्र ही पहनाए जाएं ।