Case Studies
-
अनुकूलता को प्रभावित करनेवाले घटक
आध्यात्मिक शोध के माध्यम से, हमें ज्ञात हुआ कि दो व्यक्तियोंके मध्य अनुकूलता में निम्नलिखित घटकों का योगदान होता है । हमने घटकों को पति-पत्नी क्रियाशील साधक हैं अथवा नहीं, इस आधार पर अलग किया है । अनुकूलता को प्रभावित करनेवाले घटक साधक सामान्य लोग (जो साधक नहीं है) शारीरिक १ ५% ५% मानसिक ८% … अनुकूलता को प्रभावित करनेवाले घटक को पढ़ना जारी रखें
-
शिशु गोद लेना – एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण
१. शिशु गोद लेने का परिचय जब दंपति संतानप्राप्ति में असमर्थ हों, तो बच्चा गोद लेने की प्रथा, भावी माता-पिता को शिशु होने का अनुभव तथा सुख देती है । प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व में सैकडों-सहस्रों बच्चे गोद लिए जाते हैं । विकसित देशों में, एक बच्चे को गोद लेने में लगभग ५०,००० यू.एस. डॉलर्स … शिशु गोद लेना – एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण को पढ़ना जारी रखें
-
लोग श्रृंखलाबद्ध हत्यारे तथा सामूहिक नरसंहारक क्यों बन जाते हैं ?
इस लेख में व्यक्ति के श्रृंखलाबद्ध हत्यारा (serial killer) तथा सामूहिक नरसंहारक बनने के आध्यात्मिक कारणों का उल्लेख किया गया है ।
-
क्या हत्या करना पाप है – एक आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य
इस लेख को समझने के लिए कृपया संदर्भ लेख पाप तथा पुण्य क्या है ? पढें । १. हत्या का आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य-प्रस्तावना चीन के गुयेंक्सी स्थित यूलिन क्षेत्र में लोग ग्रीष्म संक्रांति कुत्ते खाने के पर्व के साथ मनाते हैं । उस समय १०,००० से १५,००० कुत्ते मारे जाते हैं तथा लीची और मद्य के … क्या हत्या करना पाप है – एक आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य को पढ़ना जारी रखें
-
इच्छा मृत्यु – आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य
१. प्रस्तावना पूरे विश्व में, अनेक परिवार तथा उनके चिकित्सकों को प्रतिदिन यह वेदनादायी निर्णय लेना पडता है कि क्या अपने प्रियजन को यातनाओं से मुक्त करने हेतु उसे जानबूझकर मरने दिया जाए । इसे सामान्यतः इच्छा मृत्यु कहा जाता है । इससे संबंधित कानून देश के अनुसार भिन्न होते हैं । इस शब्द की … इच्छा मृत्यु – आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य को पढ़ना जारी रखें
-
अंग दान – एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण
यद्यपि अंग दान एक परोपकार का कार्य है परंतु आध्यात्मिक दृष्टी से विचार करने पर हमें इसके वास्तविक परिणामों का ज्ञान होता हैं । मृतक व्यक्ति के अंग के परिणाम उसके कर्मों पर भी अवलंबित हैं । यह जानने के लिए हमें साधना करनी चाहिए और इस प्रथा को टालना चाहिए ।
-
विद्यालयीन समस्याएं – एक विद्यार्थी साधिका का आध्यात्मिक निरीक्ष
वर्तमान काल के विद्यालय की स्थिति को दर्शाता यह लेख । अध्यात्म का ज्ञान न होने के कारण तथा संस्कृति के ज्ञान के अभाव में विद्यार्थी अपने मनानुसार कृत्य करते हैं, इस कारण आने वाली पीढी की स्थिति और बिगडती जा रही है ।
-
मानव प्रतिरूपण (क्लोनिंग) के दुष्परिणाम – आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य
१. मानव प्रतिरूपण के दुष्परिणामों पर आध्यात्मिक शोध की प्रस्तावना मानव, मानव कोशिका, अथवा मानव ऊतक की आनुवंशिक रूप से समान अनुकृति के सृजन को मानव प्रतिरूपण कहते हैं । यह शब्द प्रायः कृत्रिम मानव प्रतिरूपण के संदर्भ में प्रयुक्त होता है । तथापि जुडवा बच्चों के रूप में मानव प्रतिरूप (क्लोन) एक सामान्य बात … मानव प्रतिरूपण (क्लोनिंग) के दुष्परिणाम – आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य को पढ़ना जारी रखें