Case Studies
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अध्यात्मशास्त्र के अनुसार कुंडलिनी चक्रों का जागरण
कुंडलिनी का जागरण और चक्रों का जागरण व्यक्ति के आध्यात्मिक स्तर से सम्बन्धित है । अध्यात्मिक शोध द्वारा प्राप्त निम्न सारणी कुंडलिनी जागरण, मध्यमा नाडी द्वारा उत्क्रमण, चक्र जागरण के आध्यात्मिक स्तर की जानकारी देती है । कुंडलिनी जागरण साठ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर पर प्रारंभ होता है । आध्यात्मिक स्तर चक्रों का जागरण ६५% मूलाधार चक्र … अध्यात्मशास्त्र के अनुसार कुंडलिनी चक्रों का जागरण को पढ़ना जारी रखें
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प्राण शक्ति
प्राण शक्ति प्राण शक्ति ब्रह्मांड और व्यक्ति के शरीर दोनों की जीवनादायिनी शक्ति है । एक व्यक्ति के संबंध में यह पांच प्रकार की प्राण शक्ति है : १. श्वास लेने की क्रिया के लिए शक्ति (प्राण) २. श्वास छोडने और बोलने की क्रिया के लिए शक्ति (उदान) ३. उदर और आंतों की क्रिया के लिए … प्राण शक्ति को पढ़ना जारी रखें
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शरीर के सूक्ष्म ऊर्जा तंत्र
शरीर विभिन्न तंत्रों के माध्यम से कार्य करता है उदा.परिसंचरण तंत्र (संचार प्रणाली) (circulatory system),श्वसन तंत्र (respiratory system),पाचन तंत्र (digestive system) इत्यादि । उसी प्रकार एक सूक्ष्म ऊर्जा तंत्र भी होता है,जो भौतिक तथा सूक्ष्म शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है । निम्नांकित रेखाचित्र में सूक्ष्मदेह के घटक तारांकित कर दर्शाए हैं । अन्य तंत्रों … शरीर के सूक्ष्म ऊर्जा तंत्र को पढ़ना जारी रखें
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कुण्डलिनी चक्र क्या हैं ?
कुण्डलिनी चक्र क्या हैं ? चक्र, कुण्डलिनी तंत्र की मध्यनाडी अर्थात सुषुम्ना नाडी पर स्थित ऊर्जाकेंद्र हैं । सुषुम्ना नाडी पर मुख्यतः सात कुण्डलिनी चक्र होते हैं । ये चक्र शरीर के विभिन्न अंगों तथा मन एवं बुद्धि के कार्य को सूक्ष्म-ऊर्जा प्रदान करते हैं । प्रधानरूप से ये व्यक्ति की सूक्ष्मदेह से संबंधित होते … कुण्डलिनी चक्र क्या हैं ? को पढ़ना जारी रखें
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कुंडलिनी क्या है और कुंडलिनी जागरण कैसे करें ?
कुंडलिनी अथवा सुप्त चेतना मुख्यत: आध्यात्मिक प्रगति करने के उपयोग में आती है। कोई भी साधना मार्ग हो, जब आध्यात्मिक प्रगति होती है तो कुंडलिनी जागृत होती है ।गुरुकृपा से जागृत होने पर यह अपने आप ही ऊपर की दिशा में यात्रा करने लगती है और साधक में आध्यात्मिक परिवर्तन करती है ।